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राजस्थान के हनुमानगढ़ में आठ मई को हुए क्रैश के बाद वायुसेना ने सभी मिग-21 लड़ाकू विमानों की उड़ानों पर लगाई रोक, 50 फाइटर जेट ग्राउंडेड

The Fact India: भारतीय वायुसेना ने सभी मिग-21 लड़ाकू विमान की उड़ानों पर रोक लगा दी है। राजस्थान के हनुमानगढ़ में आठ मई को हुए क्रैश के बाद इंडियन एयरफोर्स ने फैसला लिया है। जांच पूरी होने तक तीन स्क्वाड्रन के लगभग 50 जेट ग्राउंडेड रहेंगे। हनुमानगढ़ में मिग-21 लड़ाकू विमान के क्रैश होने से तीन महिलाओं की मौत हो गई थी। पिछले 16 महीनों में सात बार मिग-21 क्रैश हो चुका है।
एयरफोर्स अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि हनुमानगढ़ हादसे की वजहों का पता लगने तक मिग विमान उड़ान नहीं भरेंगे। बता दें कि एयरफोर्स में मिग-21 की 3 स्क्वाड्रन हैं। हर स्क्वाड्रन में 16 से 18 एयरक्राफ्ट होते हैं। इस हिसाब से लगभग 50 मिग-21 सर्विस में हैं। इन्हें 2025 तक धीरे-धीरे रिटायर किया जाना है। इंडियन एयरफोर्स के पास कुल 31 कॉम्बेट एयरक्राफ्ट स्क्वाड्रन हैं।
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1963 में मिग-21 को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के तौर पर एयरफोर्स में शामिल किया गया था। मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। शुरुआती जेट रूस में बने थे। फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने के राइट्स और टेक्नीक भी हासिल कर ली थी। 1985 में रूस ने इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा।
मिग-21 सिंगल इंजन और सिंगल सीट वाला मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसे 1963 में इंटरसेप्टर एयरक्राफ्ट के तौर पर इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था। अगले कुछ सालों में इसे अटैक फीचर्स के साथ अपग्रेड किया गया था।
मिग-21 का सेफ्टी रिकॉर्ड बेहद खराब है, इसलिए भारतीय वायु सेना इसे अन्य सक्षम विमानों जैसे एसयू-30 और स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) से बदल रही है। इसमें देरी के कारण ही वायुसेना में मिग अब तक अपनी जगह बनाए हुए है।
1963 के बाद से इंडियन एयर फोर्स को विभिन्न श्रेणी के 872 मिग फाइटर प्लेन मिल चुके हैं। इनमें से करीब 500 फाइटर जेट क्रैश हो चुके हैं। इन हादसों में 200 से ज्यादा पायलट्स व 56 आम लोगों को जान गंवानी पड़ी। इतनी तादाद में हादसों का शिकार होने के कारण मिग-21 उड़ता ताबूत और विडो मेकर के नाम से भी बदनाम है।
