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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, कर्नाटक में कांबाला और तमिलनाडु में जल्लीकट्टू जारी रहेगा, तमिलनाडु के कानून को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा

महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, कर्नाटक में कांबाला और तमिलनाडु में जल्लीकट्टू जारी रहेगा, तमिलनाडु के कानून को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा
Santosh Pandey
May 18, 2023

The Fact India: महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, कर्नाटक में कांबाला और तमिलनाडु में जल्लीकट्टू जारी रहेगा। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने पशु क्रूरता अधिनियम में तमिलनाडु सरकार की ओर से किए गए संशोधन की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। पशु क्रूरता अधिनियम में बदलावों की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अदालत ने याचिकाएं खारिज कर दीं। 2014 में जल्‍लीकट्टू और अन्‍य राज्‍यों में इसी तरह के दूसरें खेलों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कानून में यह बदलाव कर इसे सांस्‍कृतिक विरासत घोषित कर दिया। इस मामले पर जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच सुनवाई कर रही थी।

 

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने गुरुवार को कहा कि कानून में बदलाव 2014 में नागराज केस में दिए गए फैसले के खिलाफ नहीं हैं। उस केस में कानून के जो खराब पहलू थे, वह बदलावों के बाद हट गए। इन बदलावों के चलते वास्तव में पशुओं को होने वाला दर्द और यातना कम हुई है। इन बदलावों को राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिली थी। इसमें भी गलती नहीं हो सकती है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम इस बात से आश्वस्त हैं कि पिछली एक सदी से तमिलनाडु में जल्लीकट्टू होता आ रहा है। क्या तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत में इसे शामिल किए जाने पर और ज्यादा विस्तार से चर्चा की जरूरत है? हम यह नहीं कर सकते हैं। जब विधानसभा ने यह घोषित कर दिया कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत है, तब हम इस पर कोई अलग नजरिया नहीं रख सकते हैं। इस पर फैसला करने के लिए विधानसभा ही सबसे अच्छी जगह है।

 

पिछली सुनवाई में तमिलनाडु सरकार ने हलफनामे में कहा था कि जल्लीकट्टू केवल मनोरंजन का काम नहीं है, बल्कि महान ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाला कार्यक्रम है। इस खेल में सांडों पर कोई क्रूरता नहीं होती है। राज्य सरकार ने कहा कि पेरू, कोलंबिया और स्पेन जैसे देश भी बुल फाइटिंग को अपनी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा मानते हैं। इसके अलावा सरकार ने तर्क दिया कि जल्लीकट्टू में शामिल सांडों को साल भर किसान ट्रेनिंग देते हैं ताकि कोई खतरा न हो। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में पशु कल्याण विभाग और ए नागराज के केस में जल्लीकट्टू पर बैन लगाया था। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कानून में संशोधन किया।

महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, कर्नाटक में कांबाला और तमिलनाडु में जल्लीकट्टू जारी रहेगा, तमिलनाडु के कानून को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा