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नई संसद के उद्घाटन से पहले चेन्नई से दिल्लीे पहुंचे महंत ने पीएम को सेंगोल सौंपा; मोदी बोले- पैदल चलने वाली छड़ी कहकर आनंद भवन में रखा था
The Fact India: नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई (रविवार) को दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। विभिन्न राज्यों से मेहमानों का आना भी शुरू हो चुका है। इस कार्यक्रम से पहले चेन्नई के धर्मपुरम अधीनम के 25 संत शनिवार को दिल्ली पहुंचे। अधीनम के महंत ने सुनहरा राजदंड (सेंगोल) पीएम मोदी को सौंपा। इसे नए संसद भवन में रखा जाएगा। संतों ने मोदी को विभिन्न मठों का प्रसादम भी दिया।
संतों से भेंट करने के बाद पीएम मोदी ने उन्हें संबोधित किया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि यह भारत की आजादी में तमिल लोगों के योगदान को वह महत्व नहीं दिया गया, जो दिया जाना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा अब इस मुद्दे को उठाने का प्रयास करेगी। मोदी ने कहा कि तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था। सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है। वह कभी कर्त्तव्यपथ से विचलित नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अधीनम के इस सेंगोल ने भारत को सैकड़ों वर्ष की गुलामी के हर प्रतीक से मुक्ति दिलाने की शुरुआत कर दी थी। जब भारत की आजादी का क्षण आया तब यह सेंगोल ही था कि गुलामी वाले कालखंड और आजादी के कालखंड को आपस में जोड़ दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि अच्छा होता कि आजादी के बाद इस सेंगोल को पर्याप्त मान सम्मान दिया जाता। लेकिन यह सेंगोल प्रयागराज में, आनंद भवन में पैदल चलने में सहारा देने वाली छड़ी कहकर रख दिया गया था। अब आपका यह सेवक और हमारी सरकार उस सेंगोल को आनंद भवन से निकालकर लाई है। लोकतंत्र के मंदिर में आज उसका उचित स्थान मिल रहा है। भारत की महान परंपरा के उसी सेंगोल को संसद भवन में स्थापित किया जाएगा।