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नेपाल के प्रधानमंत्री चार दिवसीय दौरे पर 31 मई को भारत आएंगे, सीमा से जुड़े मसलों पर बातचीत संभव; बेटी के साथ महाकाल का करेंगे दर्शन
The Fact India: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल उर्फ प्रचंड चार दिवसीय दौरे पर 31 मई को भारत आ रहे हैं। वह 3 जून तक यहां विभिन्न कायक्रमों में हिस्सा लेंगे। प्रचंड के साथ उनकी बेटी गंगा और 50 लोगों का डेलिगेशन भी आएगा। उनके भारत दौरे के दौरान सीमा से जुड़े मसलों पर भी बातचीत संभव है। पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रचंड पहली बार आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रचंड को भारत आने का न्योता दिया था।
प्रचंड के साथ जो 50 लोगों का डेलिगेशन भारत आ रहा है उनमें मंत्रियों के अलावा अफसर और जर्नलिस्ट्स शामिल हैं। नेपाल के अखबार ‘काठमांडू पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रचंड के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौते हो सकते हैं। भारत और नेपाल के बीच बॉर्डर से जुड़े कुछ पुराने विवाद हैं। माना जा रहा है कि इनसे जुड़ा कोई समझौता भी सामने आ सकता है।
नेपाल की कुछ पार्टियों ने कहा है कि प्रचंड को भारत के साथ सीमा विवाद पर जरूर बात करनी चाहिए, क्योंकि इनकी वजह से कई बार रिश्तों में तनाव आ जाता है। कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा वो बॉर्डर प्वाइंट्स हैं, जिन पर दोनों देशों के दावे हैं। नेपाल सरकार मानती है कि बॉर्डर इश्यूज पर जल्द समझौता होना आसान नहीं है। इन पर बातचीत चल रही है और इसमें वक्त लग सकता है।
प्रचंड नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष से भी मिलेंगे। वो नेपाल-इंडियान बिजनेस समिट को भी संबोधित करेंगे। नेपाल के प्रधानमंत्री भारत यात्रा के दौरान उज्जैन और इंदौर भी जाएंगे। उज्जैन में वो महाकाल के दर्शन करेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और नेपाल टेम्पल डिप्लोमेसी के जरिए आगे बढ़ना चाहते हैं। पिछले साल तब के नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा वाराणसी गए थे। मई 2022 में जब मोदी नेपाल गए थे तो उन्होंने लुम्बिनी और मायादेवी मंदिर के दर्शन किए थे।