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मंगल ग्रह पर नहीं है चुबंकीय क्षेत्र, इसलिए वहां जीवन संभव नहीं; नासा ने बताया- मैग्नेटिक फिल्ड की वजह से धरती हमें सौर तूफानों से बचाती है
The Fact India: मंगल ग्रह पर जीवन क्यों नहीं संभव है, इसका खुलासा नासा ने किया है। 2018 में नासा ने मंगल ग्रह पर इनसाइट लैंडर भेजी थी। इस मशीन से जुटाए गए डेटा से पता चला है कि लाल ग्रह के केंद्र में सीस्मिक वेव्स (भूकंपीय तरंगें) हैं। यही कारण है कि मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना नहीं है।
इनसाइट लैंडर से भेजे गए डेटा के रिसर्च से पता चला है कि मंगल ग्रह के केंद्र में पिघला लोहा और इससे बनने वाली अन्य धातुएं हैं। इसमें सल्फर और ऑक्सीजन सबसे ज्यादा है। इसी डेटा से पता चलता है कि करीब 4.6 अरब साल पहले मंगल कैसे बना और यह धरती से किस तरह से अलग है। इन जानकारियों से साफ हो गया कि समानताएं होने के बाद भी धरती पर जीवन संभव है जबकि मंगल पर नहीं।
पृथ्वी और मंगल ग्रहों का फर्क समझने के लिए मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर और रिसर्चर वेदरन लेकिक और उनकी टीम ने मंगल पर दो भूकंपीय घटनाओं को ट्रैक किया। पहली, मंगल पर आने वाला भूकंप। दूसरा, अंतरिक्ष से भेजे गए किसी ऑब्जेक्ट की टक्कर से मंगल के केंद्र में पैदा हुई भूकंपीय तरंगें। साइंटिस्ट और सीस्मोलॉजिस्ट ने देखा कि भूकंपीय तरंगों को मंगल की सतह पर मौजूद अन्य तरंगों के साथ ग्रह की कोर से होकर गुजरने में कितना समय लगता है।
उन्होंने इस डेटा को दूसरे भूकंपीय और धरती के अन्य डेटा के साथ मिलाकर देखा। इससे मंगल पर मौजूद पदार्थ के घनत्व (डेंसिटी) और उसकी दबाव की क्षमता (कम्प्रैसिबिल्टी) का पता चला। इससे समझ आया कि मंगल का केंद्र बिल्कुल पिघला हुआ है। वहीं, धरती के केंद्र का बाहरी हिस्सा सख्त और अंदर से पिघला हुआ है। शोधकर्ताओं को मंगल के केंद्र में सल्फर और ऑक्सीजन भी मिली।
इससे पता चला कि मंगल का केंद्र धरती के केंद्र से कम घना है। दोनों ग्रहों के निर्माण की परिस्थितियां काफी अलग थीं। रिसर्चर निकोलस श्मेर का कहना है कि किसी भी ग्रह के केंद्र से ही उसके निर्माण और विस्तार का पता चलता है। यह प्रोसेस बताती है कि उस ग्रह पर जीवन को बनाए रखने के हालात हैं या नहीं। धरती के केंद्र में चुंबकीय क्षेत्र बनता है, जो हमें सूर्य पर आने वाले सौर तूफानों के प्रभावों (सोलर विंड) से बचा लेता है। वहीं, मंगल के केंद्र में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है। इसी वजह से वहां जीवन संभव नहीं है।