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इस साल श्रावण-भादो में नगर भ्रमण के लिए 10 बार निकलेंगे महाकाल, नागपंचमी के दिन सातवीं सवारी होगी, 19 साल बाद अधिक मास का संयोग
The Fact India: इस साल श्रावण और भादो में महाकाल की 10 सवारियां नगर भ्रमण पर निकलेंगी। खास बात यह है कि महाकाल की 7वीं सवारी नागपंचमी के दिन 21 अगस्त को निकलेगी। इस साल श्रावण में अधिक मास का संयोग बन रहा है जो 19 साल बाद ऐसा संयोग आया है। वहीं, 8वीं सवारी सोम प्रदोष के दिन 28 अगस्त को निकलेगी। इस बार श्रावण और भादो में पर्व विशेष होने से महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
3 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है। 4 जुलाई से श्रावण मास प्रारंभ हो रहा है। श्रावण-भादो के महीनों में उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल प्रजा को दर्शन देने के लिए चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। हर साल उनकी 6 से 7 सवारियां निकलती हैं, लेकिन इस बार अधिक मास के कारण 10 सवारियां निकाली जाएंगी। महाकाल मंदिर के पुजारियों के अनुसार, 19 साल पहले श्रावण में अधिक मास का संयोग बना था, तब भी महाकाल की 10 सवारियां नगर भ्रमण पर निकली थीं।
श्रावण-भादो के महीनों में महाकाल के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। अब श्री महाकाल महालोक निर्माण के बाद से प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या 1 से 1.50 लाख पर पहुंच गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार श्रावण में अधिक मास का संयोग होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे।
वर्ष में एक बार नागपंचमी पर खुलने वाले मंदिर के तीसरे तले पर स्थित श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस बार एक संयोग यह भी है कि नागपंचमी का पर्व 21 अगस्त को है और इसी दिन महाकाल की सातवीं सवारी भी निकाली जाएगी। जिला और मंदिर प्रशासन मानकर चल रहा है कि इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे।
सिंधिया परिवार की ओर से शुरू की गई महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा आज भी जारी है। पहले महाराज स्वयं इसमें शामिल होते थे। बाद में राजमाता नियमित तौर पर यात्रा में शामिल होती रहीं। महाकालेश्वर मंदिर में एक अखंड दीप आज भी उन्हीं के सौजन्य से प्रज्ज्वलित है।