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दूसरे के नाम और रोल नंबर पर यूपीएससी में खुद के सिलेक्शन का दावा करने वाले दो फर्जी कैंडिडेट मिले; कमीशन बोला- हमारा सिस्टम फुलप्रूफ

The Fact India: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी किया है। इसके बाद दो कैडिडेट्स ने खुद के यूपीएससी में सिलेक्शन होने का दावा करने लगे। ये फर्जी कैडिडेट्स मध्य प्रदेश की आयशा मकरानी और हरियाणा के तुषार कुमार हैं। इस पर यूपीएससी ने इन दोनों फेक कैंडिडेट्स पर पर क्रिमिनल और डिस्प्लिनरी एक्शन लेने की तैयारी कर ली है। मध्य प्रदेश के अलीराजपुर और हरियाणा के रेवाड़ी के इन कैंडिडेट्स से मिलते-जुलते नाम वाले कैंडिडेट्स का यूपीएससी में सिलेक्शन हुआ है। नाम को आधार बनाकर इन्होंने अपने सिलेक्शन का दावा किया था।
यूपीएससी ने 23 मई को सिविल सर्विस परीक्षा परिणाम जारी किया। इस परीक्षा में मध्य प्रदेश की देवास की रहने वाली आयशा फातिमा को 184वीं रैंक मिली। वहीं बिहार के भागलपुर निवासी तुषार कुमार को 44वीं रैंक मिली। इन दोनों सफल उम्मीदवारों के नामों का फायदा उठाकर मध्य प्रदेश और हरियाणा के फर्जी कैंडिडेट्स ने खुद के यूपीएससी में सिलेक्शन होने के दावे करने लगे। मध्य प्रदेश की आयशा मकरानी ने 184वीं रैंक पाने का दावा किया था। जबकि हरियाणा के रेवाड़ी जिले का रहने वाले तुषार ने 44वीं रैंक पाने का दावा किया था।
आयोग ने शुक्रवार को बयान जारी करके कहा कि दोनों के दावे फर्जी हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं। ऐसा करके मकरानी और तुषार दोनों ने सिविल सेवा परीक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है। इसलिए उन पर एक्शन लिया जाएगा। यूपीएससी सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ फुलप्रूफ भी है और ऐसी गलतियां संभव नहीं हैं।
