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RAJASTHAN NEWS : सियासत के गलियारों में जब बयानबाज़ी की गूंज सुनाई देती है, तब मुद्दों की सुई अक्सर इधर-उधर भटक जाती है। लेकिन, इस बार राजस्थान की राजनीति के केंद्र में है बीजेपी के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा है | उनके इस्तीफे के बाद से ही सियासी पारा चढ़ा हुआ है, और अब उनके एक और बयान ने सियासी हलचल को और बढ़ा दिया है। मीणा ने कांग्रेस के तंज पर पलटवार करते हुए साफ कहा है कि हेलीकॉप्टर को लेकर बेवजह का विवाद खड़ा किया जा रहा है। खुद को 'सड़क छाप आदमी' बताते हुए, उन्होंने अपनी नाराज़गी की तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। लेकिन क्या वास्तव में बात इतनी सीधी है? या फिर इसके पीछे कोई गहरी सियासी चाल है?"
पिछले कुछ दिनों से राजस्थान की राजनीति में बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर जोरदार चर्चाएं हो रही हैं। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने गत दिनों किरोड़ी लाल का नाम लेकर भजनलाल सरकार पर जमकर हमला बोला। डोटासरा का कहना था कि किरोड़ी लाल मीणा को बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरे के लिए हेलीकॉप्टर नहीं दिया गया, जिससे वे नाराज़ हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन किरोड़ी लाल ने इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस को करारा जवाब दिया है।
किरोड़ी लाल मीणा ने को बयान दिया कि हेलीकॉप्टर को लेकर मेरी कोई नाराज़गी नहीं है, और मैं खुद को 'सड़क छाप आदमी' मानता हूं, जो सड़क पर घूमता रहता है। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि वे सड़कों पर जनता के लिए संघर्ष करने वाले नेता हैं, जिनका किसी साधन या सुविधा से कोई लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर कैबिनेट मंत्री का जिक्र हटाने के पीछे भी कोई खास वजह नहीं बताई।
जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान, किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी नाराज़गी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी नाराज़गी किसी और से नहीं, बल्कि खुद से है। उन्होंने कहा कि 45 सालों से जनता के बीच संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक जनता के संघर्ष को वोटों में नहीं बदल पाए। जब उनसे पूछा गया कि आखिर कब वे मानेंगे, तो उन्होंने अपने ही अंदाज में जवाब दिया, 'जब भवानी जागेगी, तब मान जाऊंगा, वरना तो चल ही रहा है।'
आरक्षण के मुद्दे पर भी किरोड़ी लाल ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के क्रीमीलेयर के आदेश का समर्थन करते हुए कहा कि जो लोग आज भी मेहनत-मजदूरी कर रहे हैं, उन्हें भी आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने अपने जीवन के उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे उनके पड़ोसी अब भी वही संघर्ष कर रहे हैं, जबकि वे खुद और उनका परिवार ऊंचे पदों पर पहुंच गए हैं।
किरोड़ी लाल मीणा का बयान उन तमाम सियासी आरोप-प्रत्यारोपों के बीच सच्चाई की एक झलक दिखाता है। उनकी साफगोई और खुद को 'सड़क छाप' बताने की बात ने ना केवल उनकी जड़ों को याद दिलाया है, बल्कि यह भी जताया है कि वे किसी साधन या सुविधा के मोहताज नहीं हैं। राजस्थान की राजनीति में यह विवाद कितना लंबा चलेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात साफ है कि किरोड़ी लाल मीणा के बयानों ने सियासी फिजा को और गर्मा दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि इस 'सड़क छाप' नेता की राहें आगे किस दिशा में मुड़ती हैं।