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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
11%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 142

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7526

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
65%
डीके शिवकुमार
18%
मल्लिकार्जुन खड़गे
12%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 17

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
42%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
8%
फिल्मों को हिट करने के लिए
42%
कुछ बता नहीं सकते
8%
Total count : 12

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6 सीटों पर उपचुनाव की महा-जंग! गठबंधन को लेकर फंसी कांग्रेस?

6 सीटों पर उपचुनाव की महा-जंग! गठबंधन को लेकर फंसी कांग्रेस?
Abhishek Mudgal
August 21, 2024

RAJASTHAN NEWS : राजनीति के इस रंगमंच पर जहां हर चाल का मकसद सत्ता की सीढ़ियों पर कदम रखना होता है, वहीं राजस्थान में होने वाले विधानसभा उपचुनावों की बिसात बिछ चुकी है। खेल बड़ा है, और कांग्रेस के सामने इस बार कुछ ऐसी चुनौतियाँ हैं, जो पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को हिला सकती हैं।"

राजस्थान में होने वाले 6 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। देवली, झुंझुनूं, और दौसा सीटों पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत नजर आ रही है, जहां पार्टी को अपने उम्मीदवार उतारने में कोई खास दिक्कत नहीं होगी। लेकिन चौरासी, खींवसर, और सलूंबर सीटों पर मामला उलझ गया है। इन सीटों पर कांग्रेस को गठबंधन के सवाल ने मुश्किल में डाल दिया है, और अब यह फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया गया है।

कांग्रेस की चुनौती इन तीन सीटों पर गठबंधन को लेकर है। चौरासी सीट पर कांग्रेस 'बाप' पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है, लेकिन सलूंबर सीट को लेकर पेंच फंस गया है। कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए इस सीट को खुद रखना चाहती है, लेकिन बाप पार्टी दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। खींवसर सीट पर भी कांग्रेस के प्रदेश नेताओं का मानना है कि गठबंधन के बजाय अपनी स्थिति को मजबूत किया जाए।

 

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन तीन सीटों पर कांग्रेस की स्थिति कमजोर है। चौरासी में लगातार हार का सामना करना पड़ा है, खींवसर में परिसीमन के बाद पार्टी का खाता भी नहीं खुला, और सलूंबर में तीन बार से पार्टी हार रही है। ऐसे में कांग्रेस के एक धड़े का कहना है कि गठबंधन के जरिए बीजेपी को हराने की कोशिश में पार्टी खुद कमजोर हो सकती है। वहीं, दूसरी ओर, कांग्रेस को इन सीटों पर मजबूत प्रत्याशी भी नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे पार्टी को अतिरिक्त चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

 

कांग्रेस के अंदर गठबंधन को लेकर अलग-अलग मत हैं। कुछ नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनावों में बनी रणनीति को उपचुनाव में लागू करना समझदारी नहीं होगी, जबकि अन्य कहते हैं कि बीजेपी को रोकने के लिए गठबंधन जरूरी है। इन मतभेदों के बीच, अंतिम निर्णय हाईकमान के स्तर पर ही होगा कि गठबंधन की राह पर चलना है या अपने बलबूते पर चुनाव लड़ना है।

राजस्थान की राजनीति में यह उपचुनाव कांग्रेस के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि कांग्रेस किस राह को चुनती है—गठबंधन की, या फिर अपने दम पर मैदान में उतरने की। चुनाव का यह खेल न केवल उम्मीदवारों का भविष्य तय करेगा, बल्कि पार्टी की आगामी रणनीतियों की दिशा भी तय करेगा।

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