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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
11%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 142

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7526

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
65%
डीके शिवकुमार
18%
मल्लिकार्जुन खड़गे
12%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 17

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
42%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
8%
फिल्मों को हिट करने के लिए
42%
कुछ बता नहीं सकते
8%
Total count : 12

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रामगढ़ सीट से कांग्रेस-भाजपा की हार ? थर्ड फ्रंट करेगा बड़ा खेला !

रामगढ़ सीट से कांग्रेस-भाजपा की हार ? थर्ड फ्रंट करेगा बड़ा खेला !
Abhishek Mudgal
September 26, 2024

Alwar : रामगढ़ की सियासत में एक बार फिर हलचल मची है, जहां कांग्रेस विधायक जुबेर खां के निधन से खाली हुई विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव का बिगुल बज सकता है। हालांकि तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ, लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने अपनी-अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। एक तरफ जहां कांग्रेस जुबेर खां के परिवार पर सहानुभूति का दांव खेल सकती है, वहीं भाजपा में टिकट की दौड़ ने सियासी खींचतान को जन्म दिया है। इस बार रामगढ़ का चुनावी रण दिलचस्प होने वाला है।

रामगढ़ विधानसभा सीट, जहां सालों से कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती रही है, एक बार फिर उपचुनाव की आहट से गरमाने लगी है। कांग्रेस विधायक जुबेर खां के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर कांग्रेस ने फौरन चुनावी कमेटी का गठन कर दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी दिवंगत नेता जुबेर खां के परिवार के किसी सदस्य को मैदान में उतार सकती है। इनमें उनकी पत्नी साफिया खां का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन उनके बेटों का नाम भी चर्चा में है। कांग्रेस इस सहानुभूति के लहर को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने पहले ही संकेत दिए थे कि इस सीट पर जुबेर खां के परिवार का पहला हक है।

वहीं, भाजपा की सियासत में इस बार टिकट के कई दावेदार सामने आए हैं। पार्टी के भीतर पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, बनवारीलाल सिंघल, जय आहूजा और भाजपा के बागी सुखवंत सिंह जैसे नामों की चर्चा जोर पकड़ रही है। इससे भाजपा में टिकट को लेकर आंतरिक खींचतान की स्थिति बन सकती है। दिलचस्प यह है कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा तीसरे पायदान पर रही थी, जबकि आजाद समाज पार्टी के सुखवंत सिंह ने कांग्रेस को टक्कर दी थी। इस बार भी भाजपा को अपनी सियासी जमीन मजबूत करनी होगी, जिसके लिए संगठन की मजबूती पर काम किया जा रहा है।

अब देखना यह होगा कि रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस सहानुभूति की लहर पर सवार होती है या भाजपा अपने नए दांव से वापसी करती है। फिलहाल दोनों दलों के बीच चुनावी कसरतें तेज हो चुकी हैं, और तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट भी चुनावी परिदृश्य को और दिलचस्प बना सकती है। रामगढ़ का उपचुनाव केवल एक सीट का संघर्ष नहीं, बल्कि इसे भाजपा और कांग्रेस के लिए सम्मान और शक्ति का भी सवाल माना जा रहा है। कांग्रेस के लिए जहां यह अपनी विरासत को कायम रखने की चुनौती है, वहीं भाजपा के लिए अपनी खोई सियासी जमीन वापस पाने का मौका है। किसका दांव कितना कारगर साबित होता है, यह चुनावी परिणाम बताएंगे, लेकिन फिलहाल, दोनों दलों के भीतर उठापटक और रणनीतियों का दौर शुरू हो चुका है।

(Report By Rahul Jangid)

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