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राजस्थान में नए जिलों के गठन पर बहस तेज़ हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से नए जिलों की पैरवी की है, यह कहते हुए कि छोटे जिलों से आम जनता को लाभ होगा। गहलोत ने क्या कुछ कहा है, बताते है हमारी इस खास रिपोर्ट में...
जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा, "हरियाणा में हर 40 किलोमीटर पर जिला है। छोटे प्रशासनिक इकाइयाँ लोगों की यात्रा को आसान बनाती हैं।" उन्होंने राज्य की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और अधिक जिलों की आवश्यकता बताई।
भजनलाल शर्मा सरकार ने गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। रिटायर्ड IAS अधिकारी ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जिसने रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट कैबिनेट सब कमेटी के पास पहुंच चुकी है, जो इसकी गहन समीक्षा कर रही है।
वहीं भजनलाल सरकार का आरोप है कि गहलोत सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए नए जिलों का गठन किया। इस मामले में जनता का विरोध भी सामने आया था, जब कई महत्वपूर्ण कस्बे जिला बनने की मांग करते रहे लेकिन उन्हें निराशा मिली। राजस्थान में नए जिलों का विवाद अब राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है। गहलोत की नई जिलों की पैरवी और भजनलाल सरकार की समीक्षा इस मुद्दे को और जटिल बनाती जा रही है। इस मुद्दे पर आगे की गतिविधियों और परिणामों का इंतजार रहेगा।