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Jaipur : राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के बेटे का वीडियो सोशल मीडिया पर तूल पकड़ रहा है। एक तरफ लोगों ने वीडियो पर सवाल उठाए हैं, वहीं दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री ने अपने बेटे का बचाव करते हुए पुलिस एस्कॉर्ट को लेकर अपनी सफाई दी है।
जयपुर के आमेर इलाके में शूट हुआ यह वीडियो, जहाँ उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के बेटे एक लग्जरी कार में दोस्तों के साथ नज़र आ रहे हैं। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है। सवाल सिर्फ इतना नहीं है कि मंत्री के बेटे ने महंगी कार चलाई, बल्कि लोग सवाल उठा रहे हैं कि मंत्री बेटे को जयपुर पुलिस की एस्कॉर्ट क्यों मिली? क्या यह मंत्री पद और सत्ता का दुरुपयोग है?
वीडियो में साफ दिख रहा है कि मंत्री जी के बेटे बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चला रहे हैं। यह सीधा-सीधा यातायात नियमों का उल्लंघन है। साथ ही, बिना हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) के वाहन चलाना भी नियमों के खिलाफ है।
लेकिन जब इस पर सवाल उठे, तो उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने अपनी सफाई में कहा कि— बच्चों का गाड़ी में बैठकर घूमना कोई गलत बात नहीं है। मेरा बेटा 18 साल का भी नहीं हुआ है और कोई यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। उनके अनुसार, गाड़ी को पुलिस एस्कॉर्ट नहीं कर रही थी, बल्कि सुरक्षा में पीछे चल रही थी।
हालांकि, सोशल मीडिया और विपक्षी नेताओं ने इस बयान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर किस आधार पर मंत्री के बेटे को एस्कॉर्ट मिली? कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में सिक्योरिटी केवल विशेष परिस्थितियों में या इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर दी जाती है।अब सवाल ये है कि क्या मंत्री बेटे को मिले इस विशेषाधिकार का उपयोग जायज है? क्या यह जनता के विश्वास का उल्लंघन नहीं है? यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है|