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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 141

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7526

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
65%
डीके शिवकुमार
18%
मल्लिकार्जुन खड़गे
12%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 17

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
36%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
9%
फिल्मों को हिट करने के लिए
45%
कुछ बता नहीं सकते
9%
Total count : 11

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बेटे की करतूत से झुका डिप्टी CM का सिर?

बेटे की करतूत से झुका डिप्टी CM का सिर?
Abhishek Mudgal
September 28, 2024

Jaipur : राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के बेटे का वीडियो सोशल मीडिया पर तूल पकड़ रहा है। एक तरफ लोगों ने वीडियो पर सवाल उठाए हैं, वहीं दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री ने अपने बेटे का बचाव करते हुए पुलिस एस्कॉर्ट को लेकर अपनी सफाई दी है।

जयपुर के आमेर इलाके में शूट हुआ यह वीडियो, जहाँ उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के बेटे एक लग्जरी कार में दोस्तों के साथ नज़र आ रहे हैं। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है। सवाल सिर्फ इतना नहीं है कि मंत्री के बेटे ने महंगी कार चलाई, बल्कि लोग सवाल उठा रहे हैं कि मंत्री बेटे को जयपुर पुलिस की एस्कॉर्ट क्यों मिली? क्या यह मंत्री पद और सत्ता का दुरुपयोग है?

वीडियो में साफ दिख रहा है कि मंत्री जी के बेटे बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चला रहे हैं। यह सीधा-सीधा यातायात नियमों का उल्लंघन है। साथ ही, बिना हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) के वाहन चलाना भी नियमों के खिलाफ है। 

लेकिन जब इस पर सवाल उठे, तो उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने अपनी सफाई में कहा कि—  बच्चों का गाड़ी में बैठकर घूमना कोई गलत बात नहीं है। मेरा बेटा 18 साल का भी नहीं हुआ है और कोई यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। उनके अनुसार, गाड़ी को पुलिस एस्कॉर्ट नहीं कर रही थी, बल्कि सुरक्षा में पीछे चल रही थी। 

 

हालांकि, सोशल मीडिया और विपक्षी नेताओं ने इस बयान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर किस आधार पर मंत्री के बेटे को एस्कॉर्ट मिली? कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में सिक्योरिटी केवल विशेष परिस्थितियों में या इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर दी जाती है।अब सवाल ये है कि क्या मंत्री बेटे को मिले इस विशेषाधिकार का उपयोग जायज है? क्या यह जनता के विश्वास का उल्लंघन नहीं है? यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है|

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