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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
11%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 142

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7526

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
65%
डीके शिवकुमार
18%
मल्लिकार्जुन खड़गे
12%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 17

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
42%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
8%
फिल्मों को हिट करने के लिए
42%
कुछ बता नहीं सकते
8%
Total count : 12

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राजकुमार रोत ने हिदुंओं को तोड़ा? बांसवाड़ा की जनता सिखाएगी सबक!

राजकुमार रोत ने हिदुंओं को तोड़ा? बांसवाड़ा की जनता सिखाएगी सबक!
Abhishek Mudgal
September 24, 2024

BANSWARA : आदिवासी समाज की अस्मिता और पहचान पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है... बांसवाड़ा के ऐतिहासिक घोटिया आंबा धाम में होने वाले आदिवासी अधिकार दिवस कार्यक्रम ने विवाद की आग में घी डाल दिया है।सांसद राजकुमार रोत की प्रस्तावित उपस्थिति को लेकर जबरदस्त विरोध हो रहा है। विरोध करने वालों का कहना है कि जब रोत आदिवासियों को हिंदू नहीं मानते, तो हिंदू धर्म स्थल पर उनका आना कैसे उचित है? इसी को लेकर आदिवासी हिंदू धर्म जागरण समिति ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।*  सवाल उठते है की रोत का विरोध क्यों, और रोत इस पर क्या कुछ करेंगे |

 

दरअसल, राजकुमार रोत ने फैक्ट इंडिया से बातचित में भी कहा था की  सांसद रोत और आदिवासी संगठन हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं हैं |इसी कारण से धाम की पूजा-पद्धति से जुड़े लोग विरोध पर उतर आए हैं। **समिति के लोगो ने कहा, अगर आदिवासी हिंदू नहीं होते, तो उनके पूर्वज घोटिया आंबा धाम में अस्थियों का विसर्जन क्यों करते?

वहीं दूसरी तरफ, आदिवासी आरक्षण मंच के संयोजक कमलकांत कटारा ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए घोटिया आंबा धाम की पवित्रता का हवाला दिया है, जहां शिव मंदिर और पांडवों की मूर्तियां स्थापित हैं। कटारा का सवाल है कि जो लोग खुद को हिंदू नहीं मानते, वो इस पवित्र स्थल पर कार्यक्रम कैसे कर सकते हैं? मांग यह है कि या तो वे माफी मांगे, या फिर इस आयोजन को किसी और स्थान पर करें।

इस पूरे विवाद पर सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर REACTION दिया है। उनका कहना है कि आदिवासी क्षेत्र की शांति को भंग करने की कोशिश की जा रही है, और पुलिस प्रशासन से ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग भी की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका कोई साथी इन उग्र प्रयासों में शामिल नहीं होगा।

यह विवाद एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करता है कि **आदिवासी समाज की पहचान** और उसकी धार्मिक आस्थाओं को कैसे परिभाषित किया जाए? क्या यह केवल राजनीति का मुद्दा बनकर रह जाएगा, या फिर आदिवासी समाज अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए एकजुट होकर कोई ठोस कदम उठाएगा?

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का समाधान कैसे निकलेगा। या फिर विरोध की यह लहर और तेज़ होगी?

||बांसवाड़ा से राहुल जांगिड़ के THE FACT INDIA ब्यूरो ||

 

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