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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
11%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 142

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7526

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
65%
डीके शिवकुमार
18%
मल्लिकार्जुन खड़गे
12%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 17

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
42%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
8%
फिल्मों को हिट करने के लिए
42%
कुछ बता नहीं सकते
8%
Total count : 12

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'शिक्षा मंत्री पलटूराम', फंसा कर्मचारी, कर्मचारियों के सोशल अकाउंट पर सरकार की नजर

'शिक्षा मंत्री पलटूराम', फंसा कर्मचारी, कर्मचारियों के सोशल अकाउंट पर सरकार की नजर
Abhishek Mudgal
September 21, 2024

जोधपुर सर्किट हाउस के बाहर प्रदेश के शिक्षामंत्री के खिलाफ पोस्टर लगाने वाले कर्मचारी नेता को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने कर्मचारियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। क्या कुछ है पूरी खबर आईए जानते है, हमारी इस खास रिपोर्ट में।

दरअसल हाल ही में, शिक्षा मंत्री के खिलाफ 'पलटू राम' जैसे अपमानजनक शब्दों के साथ पोस्टर लगाने के बाद मेड़तिया को निलंबित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री ने पिछले सात महीनों में कई आदेश जारी किए, जो अंततः वापस ले लिए गए। उनके अनुसार, उन्होंने स्कूल में नामांकन और विकास के लिए गंभीर प्रयास किए, फिर भी उन्हें इस कारण सजा दी गई।

राज्य सरकार ने कर्मचारियों के सोशल मीडिया उपयोग पर पहले से जारी गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। अब अगर कोई सरकारी कर्मचारी सरकार की आलोचना करता है, तो उसे निलंबन जैसी कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी राजकीय कर्मचारी सरकार के खिलाफ अप्रमाणित आरोप या टिप्पणियाँ नहीं कर सकता।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने खिलाफ चल रहे इस विवाद पर कोई प्रत्यक्ष टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, उनकी कार्रवाई से स्पष्ट है कि सरकार अपने कर्मचारियों की गतिविधियों को नियंत्रित करने में गंभीर है। कर्मचारी नेताओं ने इस कार्रवाई को बेतुकी बताते हुए कहा है कि इससे कर्मचारियों में डर और असंतोष बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध की आवाज को दबाना उचित नहीं है।

इस मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों के सोशल मीडिया गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। क्या यह कदम सरकार की छवि सुधारने में मदद करेगा, या कर्मचारियों के बीच असंतोष को बढ़ावा देगा, यह देखने की बात होगी।

'शिक्षा मंत्री पलटूराम', फंसा कर्मचारी, कर्मचारियों के सोशल अकाउंट पर सरकार की नजर

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