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गहलोत, पायलट और वसुंधरा… हरियाणा में मुरुधरा के नेताओं को क्यों मिल रही तरजीह?
JAIPUR : हरियाणा का चुनावी दंगल अपने चरम पर है, और दिलचस्प बात ये है कि इस बार हरियाणा में चुनावी मैदान में उतरने वाले बड़े-बड़े नेताओं में राजस्थान का भी दबदबा साफ़ देखा जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां, राजस्थान के नेताओं पर खास ध्यान दे रही हैं। बीजेपी ने जहां 40 स्टार प्रचारकों की सूची में राजस्थान के 5 बड़े नेताओं को शामिल किया है, वहीं कांग्रेस ने भी 3 स्टार प्रचारक राजस्थान से मैदान में उतारे हैं। आखिर हरियाणा में राजस्थान के नेताओं को इतनी तरजीह क्यों दी जा रही है|
हरियाणा के चुनावी रण में राजस्थान से आए नेताओं का डंका बज रहा है। बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया जैसे नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। यही नहीं, डिप्टी सीएम दीया कुमारी और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी हरियाणा के चुनावी मैदान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
कांग्रेस भी पीछे नहीं है। राजस्थान के तीन प्रमुख नेता – पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को स्टार प्रचारक बनाया गया है। इनमें से अशोक गहलोत को हरियाणा के चुनावी पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि सचिन पायलट और गोविंद सिंह डोटासरा को जाट और गुर्जर वोटरों को लुभाने का काम सौंपा गया है।
लेकिन सवाल ये है कि हरियाणा में राजस्थान के नेताओं की इतनी अहमियत क्यों है? इसके पीछे तीन बड़ी वजहें हैं। पहली वजह है जाट समुदाय का हरियाणा में सियासी दबदबा, जिसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने राजस्थान के जाट नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी है। दूसरी वजह ब्राह्मण और दलित वोट बैंक हैं, जिनके लिए भजनलाल शर्मा और अर्जुन राम मेघवाल जैसे नेता हरियाणा में सक्रिय हैं। तीसरी वजह, राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी का मजबूत नेतृत्व है, जो हरियाणा के चुनावों में भी अपनी पकड़ बना रहा है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 5 अक्टूबर को होगी, जबकि नतीजे 8 अक्टूबर को सामने आएंगे। राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा दल इस बार हरियाणा में बाज़ी मारता है।
तो हरियाणा के इस चुनावी समर में राजस्थान के नेताओं का खास योगदान देखने को मिल रहा है। क्या राजस्थान के ये नेता हरियाणा में अपनी सियासी धाक जमा पाएंगे, ये देखना होगा 8 अक्टूबर को, जब नतीजे सामने आएंगे।
|| राजधानी जयपुर से राहुल जांगिड़ के साथ THE FACT INDIA ब्यूरो ||