Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
दिनों-दिन बढ़ रहीं गहलोत की मुश्किलें, एक के बाद एक नेता खोल रहे पोल

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अपनों से ही घिरती जा रही है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बाद अब वरिष्ठ कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार को घेरा है. मीणा ने कहा कि, हमारी सरकार के कई मंत्री सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. भ्रष्टाचार इस हद तक इन मंत्रियों पर हावी है कि, बिना पैसे कोई काम नहीं करते हैं, लेकिन पता नहीं मुख्यमंत्री गहलोत की ऐसी क्या मजबूरी है कि इनको मंत्रिमंडल से नहीं हटा पा रहे हैं.
मीणा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में भ्रष्टाचारियों के मजबूत होने से हम जैसे निष्ठावान लोग कमजोर हो गए हैं. भ्रष्ट मंत्रियों को हटाना चाहिए. कांग्रेस जातिवाद और पिछली बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार में आई है. इसलिए भ्रष्टाचार पर रोक लगनी चाहिए. प्रदेश के मतदाता अब भी कांग्रेस को पसंद करते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार की समस्या को दूर करना होगा. मीणा ने कहा कि, पद का दुरुपयोग कर कई मंत्री बीजेपी नेताओं का सहयोग कर रहे हैं.
उधर, कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भेजा पत्र सार्वजनिक किया है. उन्होंने कहा कि, भ्रष्ट मंत्रियों के टिकट काटे जाने चाहिए. भरत सिंह ने कहा कि प्रदेश में सब कुछ सीएम की मर्जी से होता है. ऐसे में विधानसभा चुनाव जीते तो गहलोत को यश मिले और नाव डूबे तो उन्हें जिम्मेदार माना जाए. उन्होंने इशारों ही इशारों में कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं पर जनता वोट डाले तो सभी दो सौ सीटों पर कांग्रेस की जीत होनी चाहिए. यानि कि, जो माहोल अभी चल रहा है उससे लग रहा है कि, अब गहलोत के साथी हैं वो धीरे-धारे उनका साथ छोड़ने के मूड में हैं. और जिस तरह की बातें वो कर रहे हैं उससे ये भी लग रहा है कि, कहीं न कहीं ये भी डर है कि, राजस्थान की जो परम्परा है कि, हर पांच साल में सरकार चेंज होती है तो हार का ठीकरा कहीं नेताओं पर न फोड़ दिया जाए. इसलिए अब सब खुलकर बोलने लगे हैं. कुछ तो सीधे पायलट के सपोर्ट में हैं. क्योंकि थर्ड फ्रंट की चर्चा भी राजस्थान में जोरों पर है. अगर जनता को सपोर्ट मिला तो थर्ड फ्रंट भी मजबूती के साथ बीजेपी और कांग्रेस का सामना कर सकता है.
