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लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। लिवर का मुख्य काम रक्त में मौजूद रासायनिक स्तरों को नियंत्रित करने के साथ पित्त नामक एक महत्वपूर्ण पाचक तरल का उत्पादन करना होता है। इसके अलावा खून को साफ करने का काम भी करता है और ग्लाइकोजन नामक शर्करा के रूप में ऊर्जा का भंडारण भी लिवर ही करता है। अब सोचिए शरीर का इतना आवश्यक अंग अगर खराब हो जाए तो? लिवर खराब होने की समस्या व्यक्ति के मौत का कारण भी बन सकती है। समय रहते अगर इसके लक्षणों को पहचानकर सही इलाज शुरू कर दिया जाए तो लिवर को खराब होने से बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं किन संकेतों के आधार पर इसकी पहचान की जा सकती है, साथ ही इस गंभीर समस्या से बचने के क्या उपाय हो सकते हैं?
लिवर खराब होने से मतलब है कि यह अपने कार्यों को ठीक तरीके से नहीं कर पा रहा है। यह एक आपातकालीन स्थिति होती है, यानी कि रोगी को इसमें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। तो क्या इसके लिए पहले से बचाव के कोई तरीके हो सकते हैं? इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लक्षणों के आधार पर इनकी पहचान करके बचाव को तरीकों को प्रयोग में लाया जा सकता है। जिन लोगों में लिवर खराब होने का डर होता है उन्हें खून की उल्टी आने, थकान, पीलिया और लगातार वजन कम होते रहने की समस्याओं का अनुभव होता है। ऐसी समस्याओं का अनुभव होते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सामान्यतया जिन लोगों को हेपेटाइटिस बी, लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियां होती हैं, उनमें लिवर खराब होने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा अल्कोहल या कुछ दवाओं के ज्यादा सेवन करने से भी लिवर खराब होने का डर होता है। विशेषज्ञों की मानें तो लिवर के खराब होना की समस्या को विकसित होने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है। लिवर के कमजोर होने के साथ ही स्थिति गंभीर होती जाती है।
लिवर खराब होने के लक्षण नजर आ रहे होते हों डॉक्टर सबसे पहले उन्हें शराब का सेवन न करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा ऐसे रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है। ऐसे रोगियों को खाने में नमक की मात्रा को कम करने के साथ रेड मीट, चीज और अंडों का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है।