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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
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Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
20%
मल्लिकार्जुन खड़गे
7%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
25%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
13%
फिल्मों को हिट करने के लिए
50%
कुछ बता नहीं सकते
13%
Total count : 8

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जयपुर मना रहा है 296वां स्थापना दिवस, जानें यह गुलाबी शहर क्यों है इतना खास

जयपुर मना रहा है 296वां स्थापना दिवस, जानें यह गुलाबी शहर क्यों है इतना खास
Manish Gaur
November 18, 2023

राजस्थान की राजधानी जयपुर पिंक सिटी या गुलाबी शहर के नाम से मशहूर है. भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में शुमार इस शहर की स्थापना 1727 ई. में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी, शहर का निर्माण वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार किया गया था, और यह अपनी सुंदर वास्तुकला, समृद्ध संस्कृति और जीवंत लोकजीवन के लिए जाना जाता है.

जयपुर शहर की स्थापना

जयपुर की स्थापना के पीछे कई कारण थे. सबसे महत्वपूर्ण कारण था कि महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय को अपने राज्य की राजधानी को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करना था. उनका पिछला महल आमेर, अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित था, लेकिन यह युद्ध के समय में आसानी से नष्ट हो सकता था.

एक अन्य कारण यह था कि महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय एक कुशल शासक और प्रशासक थे. वे चाहते थे कि उनकी राजधानी एक योजनाबद्ध शहर हो, जो उनके राज्य की समृद्धि और शक्ति का प्रतीक हो.

गुलाबी शहर के नाम से मशहूर

जयपुर को गुलाबी रंग से रंगने की परंपरा 1876 में शुरू हुई. उस समय, इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट जयपुर आने वाले थे. महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय ने अपने मेहमानों के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगने का आदेश दिया, तब से जयपुर को गुलाबी शहर के रूप में जाना जाता है.

जयपुर के निर्माण में वास्तु शास्त्र का प्रयोग 

जयपुर के निर्माण में, महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन किया. उन्होंने शहर की योजना को एक वर्ग के रूप में तैयार किया, और सभी सड़कें सीधी और चौड़ी थीं. शहर के केंद्र में एक किला बनाया गया, जिसे "हवा महल" कहा जाता है. 

पर्यटकों को आकर्षित करता शहर

स्थापना के बाद जयपुर एक महत्वपूर्ण व्यापार और वाणिज्य केंद्र बन गया, और यहाँ कई कला और शिल्प उद्योग विकसित हुए. जयपुर राजस्थान की संस्कृति और कला का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया. आज, जयपुर एक जीवंत और बहुसांस्कृतिक शहर है. यह दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है. शहर में कई ऐतिहासिक स्थल, कला और शिल्प संग्रहालय, और प्राकृतिक आकर्षण हैं.