Dark Mode

Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

View Results
अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

View Results
सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

View Results
समुदाय विशेष को टारगेट करना
38%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
13%
फिल्मों को हिट करने के लिए
38%
कुछ बता नहीं सकते
13%
Total count : 8

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!

जाने शीतला अष्टमी कब हैं 2023 और कैसे करे विधि - विधान से पूजा

जाने शीतला अष्टमी कब हैं 2023 और कैसे करे विधि - विधान से पूजा
The Fact India :शीतला अष्टमी के त्यौहार का राजस्थान में खासा महत्व है इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है और इसी दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है इस पर्व के बाद शीत ऋतु से ग्रीष्मकाल का आरंभ हो जाता है। इसलिए शीतला माता के स्वरूप को शीतलता प्रदान करने वाला माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, माता उनके सभी कष्टों का निवारण करती हैं और आरोग्य प्रदान करती हैं। मां को भोग लगाने के बाद लोग भी बासी भोजन ही खाते हैं और इस दिन घर पर चूल्हा नहीं जलता है और ठन्डे खाने को प्रसाद के रूप में ही खाया जाता है शीतला अष्टमी से एक दिन पहले यानि सप्तमी वाले दिन ही भोग के लिए हलवा और पूड़ी तैयार कर लिया जाता है मां शीतला माता का वर्णन हमरे धर्म ग्रन्थ स्कंद पुराण में मिलता है कहते हैं अगर माँ अपने बच्चो के लिए इस व्रत को करती हैं तो बच्चों को कभी भी चेचक, खसरा जैसी बीमारियां नहीं होने देती शीतला मां को चेचक, खसरा जैसे रोगों से बचाने वाली देवी माना जाता है बच्चों को रोग मुक्त बनाने के लिए ये व्रत और पूजा करनी चाहिए।

शीतला अष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त-
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 मार्च को सुबह 12 बजकर 09 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 16 मार्च को रात 10 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। शीतला अष्टमी पूजन का उत्तम मुहूर्त सुबह 06 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 35 मिनट तक है।

मां शीतला के व्रत का विधान
सुबह स्वच्छ और शीतल जल से स्नान करें स्नान करने के बाद संकल्प ले
'मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन...
पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्ये'
संकल्प लेने के बाद विधि-विधान से पुष्प-गंध आदि से मां शीतला की पूजा करें
पूजा करने के बाद एक दिन पहले बनाए हुए बासी खाने का भोग लगाएं
बासी मेवे, मिठाई, पुआ, पूरी, बसी रोटी , शक्कर पारे , नमक पारे आदि का भोग लगाएं

फिर ७-८ महिलाओ से समूह में शीतला अष्टमी की कथा सुनें फिर कुम्हारी माँ को भोजन करवाए भोजन करवाने के बाद शीतला अष्टमीके गीत गाए।

जाने शीतला अष्टमी कब हैं 2023 और कैसे करे विधि - विधान से पूजा