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कुमार विश्वास ने आरएसएस को अनपढ़, वामपंथ को कुपढ़ कहा, बवाल के बाद मांगी माफी
- February 22, 2023 Author : Team Fact India JP
The Fact India: मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान मौजूद भाजपा मंत्री, सांसद और विधायक के सामने कवि कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को अपनढ़ बता दिया। दरअसल, मध्य प्रदेश के उज्जैन में रामकथा करने कवि कुमार विश्वास पहुंचे थे। रामकथा के दौरान कुमार विश्वास बजट पर बात कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने आरएसएस को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह दिया। इस दौरान मध्य प्रदेश के मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन सहित महापौर मुकेश टटवाल मौजूद थे। कुमार विश्वास की बात सुनकर सभा में मौजूद लोग हंस दिए और तालियां बजाईं।
बयान पर विवाद बढ़ गया। भाजपा ने कुमार विश्वास को नसीहत दी कि कथा करो, प्रमाण पत्र मत बांटो। विवाद बढ़ने के बाद कुमार विश्वास ने माफी मांगते हुए कहा कि आपकी सामान्य बुद्धि में अगर ये प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें। बयान विवाद के बाद कुमार विश्वास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बुधवार रात को वे कड़ी सुरक्षा में कथा कार्यक्रम स्थल पहुंचे।
उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक रामकथा का आयोजन किया गया है। मंगलवार को कथा सुनाने कुमार विश्वास पहुंचे थे। उनका वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने कहा कि कथा करने आए हो कथा करो, प्रमाण पत्र मत बांटो श्रीमान। रामकथा में कुमार विश्वास ने कहा कि 4-5 साल पहले बजट आने वाला था। मैं अपने घर में स्टूडियो पर खड़ा था। कुछ रिकॉर्डिंग कर रहा था। वहां एक बच्चे ने मोबाइल ऑन कर दिया। वो बच्चा हमारे साथ के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी काम करता है। वो मुझसे बोला कि बजट आ रहा है, कैसा आना चाहिए। मैंने कहा कि तुमने तो रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य का बजट आना चाहिए। तब उस बच्चे ने कहा कि रामराज्य में बजट कहां होता था। उसकी बात पर मैंने कहा कि समस्या तुम्हारी यही है कि वामपंथी तो कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो।
वामपंथी ने पढ़ा सब है, लेकिन सब गलत पढ़ा है और एक ये वाला है, इन्होंने पढ़ा ही नहीं है। ये सिर्फ बोलते हैं- हमारे वेदों में… देखे नहीं हैं कि कैसे हैं। भाई पढ़ भी लो। कुमार ने कहा कि भगवान ने चित्रकूट में भरत को रात में बैठकर समझाया। राजा भरत से भगवान ने कहा कि टैक्स कैसे ले रहे हो। भरत ने कहा कि जैसे टैक्स लेते हैं। इस पर भगवान ने कहा कि नहीं, हम सूर्यवंशी हैं। हमको टैक्स ऐसे लेना चाहिए, जैसे सूरज लेता है। भरत ने पूछा कि भैया सूरज कैसे टैक्स लेता है।
कुमार ने कहा कि अब देखिए टैक्सेशन, यहां के वित्त मंत्री भी देखें और निर्मला सीतारमण भी सुनें। इससे फायदा होगा देश का और उनका स्वयं का। सूरज समुद्र, नदी, गिलास से पानी ले लेता है, पर किसी को पता नहीं चलता। अंजूरी में पानी लेकर जून के महीने में बाहर खड़े हो जाओ पांच मिनट में पानी खत्म हो जाता है। पानी कौन ले गया, सूरज। इस पानी का क्या बनाता है, बादल। ये बादल इकट्ठा होकर कहां बरसते हैं, जहां पानी की आवश्यकता होती है। कुमार ने कहा कि इस प्रसंग का मतलब यही है कि राजा जब कर ले, टैक्स ले तो किसी को पता ही न चले कि टैक्स कट गया।
- Post By Team Fact India