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राइट टू हेल्थ बिल के विरोध पर गहलोत ने कहा- बड़े अस्पताल पैसा कमा रहे जबकि यह सेवा है
- February 20, 2023 Author : Team Fact India JP
The Fact India: राइट टू हेल्थ बिल पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने प्रदेश के बड़े हॉस्पिटलों पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े हॉस्पिटल इस बिल को लेकर नखरे कर रहे हैं। उनको ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि वह पैसा कमाते हैं, जबकि ये सेवा का काम है। राजस्थान सरकार राइट टू हेल्थ बिल लेकर आ रही है। इससे पहले प्रदेश के बड़े निजी अस्पताल और डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले प्रदेश के सरकारी हॉस्पिटल में ओपीडी भी बंद कर दी गई थी। सरकार से बातचीत का दौर चला, लेकिन वार्ता सफल नहीं हुई।
तीन दिनों से गहलोत जोधपुर के दौरे पर हैं। वह सोमवार को पाली रोड स्थित व्यास मेडिसिटी के लोकार्पण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे। इस समारोह में उन्होंने राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे डॉक्टरों और बड़े निजी अस्पतालों पर निशाने पर लिया। गहलोत बोले कि संविधान में शिक्षा और स्वास्थ्य को सेवा की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए इनके संचालन के लिए ट्रस्ट बनाना पड़ता है। सोसाइटी बनानी होती है। सरकार की सेवा भावना को देखते हुए उन्हें आगे आना चाहिए और सरकार का सहयोग करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बड़े निजी अस्पतालों के संचालकों से कहा कि मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब कहीं से भी कोई दुर्घटना के बाद इलाज के लिए राजस्थान के प्राइवेट हॉस्पिटलों में इलाज के लिए आए तो उसका तुरंत इलाज शुरू होना चाहिए। इसका पैसा हम आपको देंगे। आपको 48 घंटे उसे वहां रखना है और फिर हम उसे शिफ्ट करवा देंगे।
गहलोत ने आगे कहा कि हमने चिरंजीवी बीमा योजना का बीमा 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख किया। परिवार का दुर्घटना बीमा में 10 लाख बढ़ाकर किया गया। ये पूरे देश में कहीं नहीं है। अब ये भी व्यवस्था कर दी है कि लोग राजस्थान से बाहर अन्य राज्यों में भी इलाज करवा सकते हैं। राजस्थान सरकार का 20 लाख का पैकेज बना हुआ है। उस लिमिट तक चाहे आदमी मुंबई और उसकी इच्छा हो तो लंदन से भी इलाज करवा सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना मैनेजमेंट को भी याद किया।
उन्होंने कोरोना मैनेजमेंट का जिक्र करते हुए कहा कि भीलवाड़ा मॉडल देश और दुनिया में छा गया। हमारे भीलवाड़ा मॉडल की तारीफ डब्ल्यूएचओ ने भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैंने कोविड वैक्सीन फ्री में देने के लिए निवेदन किया। हालांकि उस समय तो वह नहीं माने, लेकिन बाद में जब पूरे देश में माहौल बना तो कोरोना वैक्सीन फ्री लगी। सामाजिक सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य में 1 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजना में पेंशन दी जा रही है। हमने इसे बढ़ाकर 1 हजार रुपए कर दिया। इससे राज्य पर 12 हजार करोड का भार पड़ेगा। जबकि केंद्र सरकार इस पर महज 300 रुपए प्रति व्यक्ति अपना योगदान देती है।
जोधपुर के विकास कार्यों को गिनाते हुए गहलोत ने कहा कि देश के अंदर ऐसा कोई शहर नहीं है, जहां इतनी सारी संस्थाएं हों। जोधपुर एकमात्र ऐसा शहर, जहां एम्स, आईआईटी, आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, एग्रीकल्चर, लॉ यूनिवर्सिटी है। अभी हमने मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी की भी घोषणा की है। पिछली बार हमने एमबीएम कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने पहले कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि पहले जोधपुर में प्राइवेट सेक्टर के कॉलेज खुल नहीं सकते थे। यहां के बच्चों को पढ़ने के लिए पुणे, मुंबई और बेंगलुरु जाना पड़ता था। मैं जब पहली बार सीएम बना तो प्रयास किया। इसके बाद यहां प्राइवेट कॉलेज, नर्सिंग, मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने शुरू हुए।
- Post By Team Fact India