Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
6 मई को गहलोत के गढ़ में पायलट, टेंशन में आए CM!

सचिन पायलट ने बीजेपी का नहीं बल्कि गहलोत का ही किला भेदने का मन बना लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ माने जाने वाले मारवाड़ के बाड़मेर में छह मई को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की आवाज गूंजती हुई सुनाई देगी. बाड़मेर शहर के आदर्श स्टेडियम में आयोजित होने वाली बड़ी जनसभा में 20 हजार लोगों के साथ पायलट शक्ति प्रदर्शन करेंगे. सचिन पायलट के सबसे बड़े समर्थक वन एवं पर्यावरण मंत्री और गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी पिछले कई दिनों से पायलट की सभा को सफल बनाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं.खास बात यह है कि, गहलोत सरकार में मंत्री होने के बावजूद सीएम गहलोत को नहीं पायलट को सभा में बुलाया गया है.
आपको बता दें कि, सचिन पायलट इससे पूर्व बाड़मेर के पचपदरा में करीब पांच साल पहले आयोजित जनसभा में शामिल हुए थे. उस समय वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे. तब उनके साथ बड़े नेताओं की एक फेहरिस्त चल रही थी. लेकिन इस बार देखने वाली बात होगी कि, मुख्यमंत्री गहलोत के गढ़ में पायलट और हेमाराम चौधरी भीड़ जुटाने में कितना कामयाब हो पाते हैं. बाड़मेर जिले में कांग्रेस पार्टी के छह विधायक हैं. इनमें गुडामालानी से हेमाराम चौधरी को छोड़कर बाकी पांचों विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे के माने जाते हैं. कुछ समय पहले पायलट के बालोतरा निजी दौरे के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने दूरी बना ली थी. हेमाराम चौधरी के अलावा कोई भी विधायक या बड़ा नेता उनके साथ नजर नहीं आया था. वैसे तो यह एक होस्टल भवन का उद्घाटन कार्यक्रम है.लेकिन सचिन पायलट के शामिल होने कारण इस आयोजन के बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
बीकानेर के जसरासर में किसान सभा में अशोक गहलोत के शामिल होने के बाद इस आयोजन को सचिन पायलट का एक पश्चिमी राजस्थान में चुनावी शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है. किसान सम्मलेन में अशोक गहलोत के शामिल होने को चुनावों से पहले जाट वोटबैंक साधने के लिए एक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा था. क्योंकि रामेश्वर डूडी जाट समाज के बड़े नेता गिने जाते हैं. साथ ही माना तो यह भी जा रहा था कि, गहलोत और डूडी के रिश्तों में जमी बर्फ अब पिघल चुकी है, क्योंकि खुद रामेश्वर डूडी आरसीए चुनावों के दौरान अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत के खिलाफ लगातार मुखर रहे थे. ऐसे में बाड़मेर के बड़े जाट नेता हेमाराम चौधरी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सचिन पायलट का शामिल होना और गहलोत को नहीं बुलाया जाना ना केवल जाट वोट बैंक साधने के लिए एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है, बल्कि इसे अशोक गहलोत की जसरासर किसान सभा का काउंटर भी कहा जा रहा है.
