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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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पायलट-किरोड़ी बाबा आमने-सामने, कौन मारेगा बड़ी बाजी ?

पायलट-किरोड़ी बाबा आमने-सामने,  कौन मारेगा बड़ी बाजी ?
Pooja Parmar
February 17, 2024

पूर्वी राजस्थान के केंद्र बिंदु दौसा लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के दावेदारों की सुगबुगाहट तेज हो गई है। बड़ा सवाल यह है कि सचिन पायलट अपने गढ़ में बीजेपी को हैट्रिक लागाने से रोक पाएंगे?  दोनों ही दलों एक दर्जन से ज्यादा प्रत्याशियों ने दावेदारी ठोक रखी है। लेकिन कांग्रेस में सचिन पायलट की पसंद को ही टिकट मिलेगा। जबकि बीजेपी में किरोड़ी लाल मीणा अपने भाई जगमोहन मीणा के लिए टिकट की मांग कर सकते है।

दौसा सांसद जसकौर मीणा और किरोड़ी लाल की अदावत जगजाहिर है। लोकसभा चुनाव 2019 में किरोड़ी समर्थकों ने जसकौर का विरोध किया था। किरोड़ी समर्थक इस बार भी जसकौर के खिलाफ मोर्चा खोल सकते है। एसटी के लिए आरक्षित सीट दौसा में किसी दोनों ही दल मीणा समुदाय को टिकट देते रहे है। राजनीतिक लिहाज से दौसा कांग्रेस के परंपरागत गढ़ रहा है। लेकिन पिछले दो चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ रहा है। दौसा से राजेश पायलट पांच बार सांसद बने थे। मजे की बात यह है कई बार किरोड़ी लाल को ही चुनाव शिकस्त दी थी। सचिन पायलट और उनकी मां रमा पायलट भी दौसा से सांसद रह चुकीं है। ऐसे में यह तय है कि कांग्रेस का टिकट उसे ही मिलेगा जिसे सचिन पायलट चाहेंगे। पिछली बार कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी को टिकट दिया गया था।

माना यही जा रहा है कि इस बार मुरारी लाल को टिकट मिल सकता है। हालांकि, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी प्रभुदयाल मीणा समेत कई आईएएस भी लाइन में लगे हुए है। लेकिन टिकट सचिन पायलट ही तय करें। सियासी जानकारों का कहना है कि इस बार बीजेपी निवर्तमान सांसद जसकौर मीणा का टिकट काट सकती है। क्योंकि स्थानीय स्तर पर उनका विरोध हो रहा है। किरोड़ी लाल अपने भाई के लिए पैरवी कर रहे है। किरोड़ी लाल बीजेपी के बड़े नेता माने जाते है। ऐसे में बीजेपी उनकी अनदेखी भी नहीं करना चाहेगी। माना यही जा रहा है कि किरोड़ी के हिसाब से ही बीजेपी का टिकट फाइनल होगा। दौसा के जातिया समीकरण बेहद उलझे हुए है। यहां की दो प्रमुख जातिया मीणा और गुर्जर है। कई बार मुकाबला मीणा बनाम अन्य जातियों का होता रहा है। ऐसे में हार जीत का फैसला अन्य जातियों पर ज्यादा निर्भर रहा है। पूर्वी राजस्थान के मीणा वोटर परंपरागत तौर पर कांग्रेस का समर्थक माना जाता है। हालांकि, किरोड़ी लाल के जरिए बीजेपी सेंध भी लगाती रही है। माना यही जा रहा है कि सचिन पायलट का गुर्जर वोटरों में तगड़ा प्रभाव है। ऐसे में गुर्जर वोट स्वर्गीय राजेश पायलट के जमाने से ही कांग्रेस को मिलते रहे है। इस बार देखना है कि बीजेपी की हैट्रिक को सचिन पायलट रोक पाते हैं या नहीं ।

पायलट-किरोड़ी बाबा आमने-सामने,  कौन मारेगा बड़ी बाजी ?