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RAJASTHAN NEWS : राजस्थान की राजनीति में बदलाव का दौर आ गया है। कांग्रेस-भाजपा दोनों ही transition period से गुजर रहे हैं। भाजपा में वसुंधरा राजे की किनाराकशी के बाद, अब कांग्रेस में अशोक गहलोत के मुकाबले सचिन पायलट का कद बढ़ रहा है। कांग्रेस के पुराने गुटों में फिर से हलचल मच गई है। खिलाड़ी लाल बैरवा, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे, अब पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। बैरवा, जो सचिन पायलट के करीबी माने जाते थे, का भाजपा से बाहर होना इस बात का इशारा है कि कांग्रेस में पायलट की मजबूत पकड़ बन रही है।
खिलाड़ी लाल बैरवा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी, लेकिन भाजपा में खुद को फिट न पा कर उन्होंने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को बधाई देने के बाद पार्टी से भी किनारा कर लिया। उनका पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, कांग्रेस में आने वाले समय में सचिन पायलट की साख और मजबूत होगी। इसी का असर है कि कांग्रेस के नेता भी अब पायलट की ओर झुक रहे हैं। हाल ही में, सवाई माधोपुर के पूर्व विधायक दानिश अबरार ने मंच से सचिन पायलट से माफी मांगी। गहलोत गुट के कई नेता भी अब पायलट के साथ मजबूत रिश्ते बनाने में जुटे हैं।
वहीं, भाजपा में नए अध्यक्ष मदन राठौड़ के आने के बाद पार्टी के कार्यकर्ता उत्साही नजर नहीं आ रहे हैं। जमीनी स्तर पर राठौड़ की पकड़ कमजोर है, जिसके कारण पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल है। नेतृत्व परिवर्तन और प्रभावी चेहरे की कमी ने भाजपा की जमीन को कमजोर कर दिया है। राजनीति के इस घमासान में, सचिन पायलट का सितारा चढ़ रहा है, और भाजपा के लिए चुनौती बढ़ रही है। राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल जारी है, और आने वाले समय में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।