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अजमेर के रूपनगढ़ में जमीनी विवाद के चलते दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें एक व्यक्ति की जान गई और कई लोग घायल हुए। फायरिंग की इस घटना में गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और एक जेसीबी मशीन को आग लगा दी गई।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह घटना राज्य की ध्वस्त कानून व्यवस्था को दर्शाती है। उन्होंने कहा, "दबंग लोग खुलेआम गोलीबारी और हिंसा कर रहे हैं, जिससे असुरक्षा का माहौल बना है।" वहीं कांग्रेस के अन्य नेता गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी इस पर कहा कि यह तस्वीरें प्रदेश की बेलगाम कानून व्यवस्था का सबूत हैं। उन्होंने कमजोर भाजपा सरकार की नींद पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान असुरक्षित राज्य बनता जा रहा है।
टीकाराम जूली ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर एक केंद्रीय मंत्री और राज्य के मंत्री के जिले का यह हाल है, तो बाकी जगहों की स्थिति का अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है।"हिंसा का कारण एक जमीन विवाद बताया गया है। पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया की हत्या के आरोप में जेल में सजा काट रहे बलवाराम चौधरी के भांजे ने अपने साथियों के साथ ग्रामीणों द्वारा बनाई जा रही दुकानों पर हमला किया। इस दौरान कई राउंड फायरिंग हुई, जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई और अन्य लोग घायल हो गए।
घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। अजमेर की इस हिंसक घटना ने राज्य में कानून व्यवस्था के मुद्दे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं, और जनता की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता बनी हुई है।