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जयपुर के हेरिटेज नगर निगम में बुधवार को एक अनोखी घटना घटी जब बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने महापौर कार्यालय में गंगाजल छिड़क कर और गोमूत्र पिलाकर कांग्रेस पार्षदों को शुद्ध करने का दावा किया। यह घटना उस समय हुई जब कुसुम यादव ने नवमी तिथि के अवसर पर महापौर की कुर्सी संभाली।
बालमुकुंद आचार्य ने कहा, "हमने गंगाजल से पूरे कार्यालय की शुद्धि की है। यह हमारे सनातन धर्म का हिस्सा है और पवित्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।" उन्होंने यह भी बताया कि जो कांग्रेस पार्षद बीजेपी के समर्थन में आए हैं, उन्हें गंगाजल पिलाया गया है और गोमूत्र भी दिया गया है, जिससे वे पूरी तरह से 'सनातनी' हो चुके हैं।
इस घटना के बाद कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कि गंगा जल छिड़कने और गोमूत्र पिलाने से अगर शुद्धता आती है तो बालमुकुंद आचार्य को सबसे पहले पूरी भाजपा पर जल छिड़कना चाहिए और भाजपा नेताओं को गोमूत्र पिलाना चाहिए ताकि इनका शुद्धिकरण हो सके।
दरअसल, पहले यहां कांग्रेस मेयर मुनेश गुर्जर थीं. भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें हटाया गया था. अब भाजपा की मेयर बनी हैं. वहीं इस दौरान मौजूद रहे विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पूरे महापौर कार्यालय में गंगाजल का छिड़काव करते हुए कहा कि आज गंगाजल से शुद्ध की है. इसके अशुद्धता को निकाला गया है. वैदिक मंत्र से पूजा करके नवमी तिथि के अवसर पर कुसुम यादव कुर्सी पर विराजमान हुई हैं. नगर निगम में शुद्ध वातावरण और पवित्रता रहेगी, और हेरिटेज का पूरा विकास होगा। बालमुकुंद आचार्य ने आगे कहा कि अब जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त थे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म में गंगाजल गोमूत्र इसलिए पिलाया जाता है कि अब तक जो अपराध किए हैं, उससे मुक्त कराया जाता है।
इस अनोखी घटना ने राजनीतिक चर्चा को नया मोड़ दिया है और लोगों में इस तरह के धार्मिक प्रतीकों के उपयोग पर बहस छेड़ दी है।