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RAJASTHAN NEWS : राजस्थान के सांसदों के प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे हैं। राजस्थान के 25 सांसदों में से कई संसद में सवाल पूछने से बचते नजर आ रहे हैं। राज्य से चार केंद्रीय मंत्री और एक लोकसभा अध्यक्ष भी हैं, जो नियमों के अनुसार सवाल नहीं पूछ सकते। लेकिन इसके अलावा, प्रदेश के बाकी 20 सांसदों में से कुछ ने संसद में सवाल उठाकर अपनी सक्रियता दिखाई है, तो कुछ ने चुप्पी साध रखी है। इस सत्र में सवाल पूछने के मामले में तीन सांसदों ने बाकी सभी को पीछे छोड़ दिया है। इनमें सबसे आगे हैं नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल, जो अपने बेबाक अंदाज और मुद्दों पर साफगोई के लिए जाने जाते हैं। हनुमान बेनीवाल ने सरकार से 18 सवाल पूछे हैं, जो उनके जनता के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने न केवल अपने क्षेत्र के मुद्दों को उठाया, बल्कि राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर भी सरकार से जवाब तलब किया है।
हनुमान बेनीवाल का संसद में इस तरह से सक्रिय रहना कोई नई बात नहीं है। वे अपने चुनावी वादों और जनता के प्रति उत्तरदायित्व को लेकर हमेशा गंभीर रहे हैं। उन्होंने पहले भी कई अहम मुद्दों पर संसद में अपनी आवाज़ बुलंद की है और इस बार भी उनके सवालों की संख्या इसे साबित करती है।दूसरे स्थान पर हैं दुष्यंत सिंह, जो संसद में 21 सवालों के साथ सबसे आगे हैं, और तीसरे स्थान पर हरीश मीना, जिन्होंने 17 सवाल उठाए हैं। इन तीनों सांसदों ने राजस्थान का नाम रोशन किया है, और वे अन्य सांसदों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
इस सत्र में राजस्थान के 14 नए सांसद भी पहली बार संसद में पहुंचे हैं। इनमें से अमराराम, राजकुमार रोत, उम्मेदाराम, मन्नालाल, और लुम्बाराम ने भी सवाल पूछकर अपनी सक्रियता दिखाई है। जबकि कुछ सांसदों ने केवल एक या दो सवाल ही उठाए हैं, जो निश्चित रूप से चिंताजनक है।सवाल पूछना सांसद का कर्तव्य है, और इस कर्तव्य को निभाने में हनुमान बेनीवाल जैसे सांसद आगे हैं। उम्मीद की जाती है कि बाकी सांसद भी जनता की आवाज़ को संसद में बुलंद करने के लिए अपनी भूमिका को समझेंगे और सक्रियता दिखाएंगे।