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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

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फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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इमली वाले बालाजी मंदिर बनने के पीछे है रहस्यमयी घटना, पूरी होती है हर इच्छा

इमली वाले बालाजी मंदिर बनने के पीछे है रहस्यमयी घटना, पूरी होती है हर इच्छा
Pooja Parmar
May 4, 2023

राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां पर सभी धर्मों के व्यक्ति निवास करते है.जहां पर सभी धर्मों के ईष्ट देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. लेकिन राजस्थान में कई ऐसे चमत्कारिक मंदिर है जो देशभर में प्रसिद्ध है. मेड़ता को मीरा नगरी के नाम से जाना जाता है. लेकिन यहां पर इमली वाले बालाजी का भी प्रसिद्ध मंदिर है. मान्यता है कि इस मंदिर के निर्माण के पीछे भी एक रहस्यमयी घटना हुई थी. तब से यह लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है.

यहां पर भक्तों की मनोकामना पूर्ण तो होती है. लेकिन इससे पहले बालाजी के द्वारा भक्त की कठोर परीक्षा ली जाती है. श्याम ने बताया कि जिस प्रकार भक्त की मनोकामना होती है उसी प्रकार की बालाजी परीक्षा लेते है. इस मंदिर में भूत-प्रेत की समस्या का निवारण भभूती (केसर)लगाने मात्र से हो जाता है और किसी भी समस्या से गुजर रहे हो तो बालाजी की परिक्रमा देने मात्र से निवारण हो जाता है. यह धार्मिक मान्यताओ से जुड़ा हुआ मामला है न्यूज 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

इस मंदिर की स्थापना एक संत के द्वारा 500 वर्ष पूर्व की गई थी.मेड़ता में इमली वाले बालाजी का मंदिर बना हुआ है. मीरा महल के पास में स्थित यह मंदिर क्षेत्र के लोगों का आस्था का केंद्र बना हुआ है. जिसे विष्णु सागर सरोवर भी कहते हैं.इस मंदिर का इमली वाले बाबा नामकरण इसलिए हुआ कि आज से करीब अट्ठारह साल पहले इस मंदिर में इमली के पेड़ में अचानक आग लग गई थी और पेड़ के सभी कोटरो में से धुआं निकलना शुरू हो गया. यह दृश्य देखकर क्षेत्र के लोग सकते में आ गए और प्रशासन हरकत में आ गया. प्रशासन ने फायर ब्रिगेड के माध्यम से आग बुझाने का प्रयास किया. लेकिन रोजाना के पांच से 10 टैंकर पानी पेड़ के तने में डालने के बावजूद भी आग पर काबू नहीं पाया गया. आखिर में भक्तों द्वारा 7 दिन का सुंदरकांड का पाठ किया और संगीत में रामधुन का आयोजन किया. इस आयोजन के बाद अगले दिन होते ही आग बुझ गई और पेड़ आज भी वैसा का वैसा हरा भरा है. यहां इमली के फल भी लगते है.तभी से यह आसपास के श्रद्धालुओं का धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है और इमली वाले बालाजी के नाम से यह जाना जाता है.

 

 

इमली वाले बालाजी मंदिर बनने के पीछे है रहस्यमयी घटना, पूरी होती है हर इच्छा

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