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राजस्थान में अब नहीं होगी पानी की बर्वादी, सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए 37 करोड़ रुपये मंजूर
- March 17, 2023 Author : Pooja Parmar
राजस्थान के बांधों और नहरों के जल की बर्बादी लगातार हो रही है. इसी बर्वादी को रोकने तथा सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करीब 37 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं.इस राशि में से 10 करोड़ रुपये की लागत से बांसवाड़ा जिले के कागदी बांध का जीर्णोद्धार होगा. इसके अलावा 11.73 करोड़ रुपये की लागत से जयपुर के कालवाड़ तहसील में गजाधरपुरा एसटीपी से कालख बांध तक जा रही नहर की लाइनिंग का कार्य किया जाएगा.सवाई माधोपुर जिले के बामनवास तहसील स्थित मोरा सागर बांध से निकली नहर का लाइनिंग कार्य भी 15.03 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. लाइनिंग का आशय जल रिसाव रोकने के मकसद से नहर के दोनों किनारों पर एक अपारगम्य सतह का निर्माण करने से है.
800 करोड़ रुपये से होगा बांधों और नहरों के जीर्णोद्धार
एक सरकारी बयान के अनुसार गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश की सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी तथा व्यर्थ बहने वाले जल की मात्रा को न्यूनतम किया जा सकेगा. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने पूर्व बजट में प्रदेश के बांधों और नहरों के जीर्णोद्धार के लिए 800 करोड़ रुपये मूल्य के विभिन्न कार्यों की घोषणा की थी. इस घोषणा के अंतर्गत 611.95 करोड़ रुपये के कार्यों की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं.
राजस्थान में सिंचाई के प्रमुख साधन हैं:
नहरें, तालाब, कुएं और नलकूप है. सबसे अधिक सिंचाई नहरें और कुंओ से होती है. कुएं और नलकूप सिंचाई के सर्वोत्तम साधन है. कुल सिंचित प्रदेश का लगभग 60 प्रतिशत भाग पर सिंचाई कुओं व नलकूपों से होता है. कुएं और नलकूप द्वारा सिंचाई के लिए पानी का मीठा होना, जल स्तर का गहरा नहीं होना तथा उपजाऊ भूमि का होना आवश्यक है. नहरों द्वारा सतही जल का सबसे अधिक उपयोग होता हैं. राज्य में सतत् प्रवाही नदियों के अभाव में नहरों द्वारा सिंचित क्षेत्र कम है.
राज्य के दक्षिण-पूर्वी, पठारी एवं पथरीले भागों में तालाबों द्वारा सिंचाई की जाती है. राजस्थान की बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं और सिंचाई की वृहद एवं मध्यम परियोजनाओं को आधुनिक भारत के मंदिर की संज्ञा दी गई है. बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के उद्देश्य विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पेयजल, मछली पालन, वृक्षारोपण, अकाल और सूखे के समय जल की सुविधा, क्षेत्रीय आर्थिक विकास आदि निर्धारित किये गये हैं.
- Post By Pooja