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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 141

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7526

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
65%
डीके शिवकुमार
18%
मल्लिकार्जुन खड़गे
12%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 17

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
42%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
8%
फिल्मों को हिट करने के लिए
42%
कुछ बता नहीं सकते
8%
Total count : 12

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1 महीने में 3 बार RAS अधिकारियों का ट्रांसफर, डोटासरा का सवाल - क्या ऐसे आएगी गुड गवर्नेंस?

राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार के 10 महीने पूरे होने पर, राज्य की राजनीतिक स्थिति में हलचल मच गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने RAS अधिकारियों के बार-बार ट्रांसफर को लेकर BJP सरकार पर हमला किया है। उन्होंने एक ट्वीट में जानकारी साझा करते हुए सवाल उठाया कि क्या ऐसे ट्रांसफर गुड गवर्नेंस ला सकते हैं।

डोटासरा ने आरोप लगाया कि हाल ही में 4 RAS अधिकारियों के 5 बार ट्रांसफर हुए हैं, जबकि 15 अधिकारियों के 15 बार और 50 अधिकारियों के 10 महीने में 3 बार ट्रांसफर हुए हैं। इनमें से 2 अधिकारियों का तो एक महीने में ही 3 बार ट्रांसफर किया गया है। डोटासरा ने इन अधिकारियों के नाम और ट्रांसफर की तारीखें भी साझा की हैं।

उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार ने अधिकारियों को ट्रांसफर के नाम पर फुटबॉल बना दिया है। क्या ऐसे आएगी गुड गवर्नेंस?" उनका यह बयान अधिकारियों के अस्थिरता और प्रशासनिक कार्यों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को दर्शाता है।

बता दे कि हाल ही में, तिरासी RAS अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया गया, जिसमें उन्हें तुरंत नई जगह पर ज्वाइन करने का निर्देश दिया गया। यह एक असामान्य कदम था, जो शायद अधिकारियों के पहले के तबादलों में देरी के कारण उठाया गया था। इस स्थिति के कारण, कई अधिकारियों को अपने नए स्थान पर ज्वाइन करने के लिए यात्रा करनी पड़ी। उदाहरण के तौर पर, मुकेश चौधरी को डूंगरपुर से जैसलमेर जिला परिषद का सीईओ बनाया गया, लेकिन उनकी ज्वाइनिंग के दिन ही उन्हें पाली जिला परिषद का सीईओ बना दिया गया।

राजस्थान में अधिकारियों के बार-बार ट्रांसफर पर सवाल उठाने वाले डोटासरा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह स्थिति गुड गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ी चुनौती है। क्या भाजपा सरकार अपनी प्रशासनिक प्रणाली को स्थिर कर पाएगी? यह देखना होगा।राजस्थान की राजनीतिक स्थिति पर नज़र बनाए रखना महत्वपूर्ण है, खासकर जब बात अधिकारियों के ट्रांसफर और प्रशासनिक कार्यक्षमता की आती है।

1 महीने में 3 बार RAS अधिकारियों का ट्रांसफर, डोटासरा का सवाल - क्या ऐसे आएगी गुड गवर्नेंस?

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