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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
38%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
13%
फिल्मों को हिट करने के लिए
38%
कुछ बता नहीं सकते
13%
Total count : 8

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जेएनयू में हिंसा करना अब पड़ेगा भारी, एडमिशन हो सकता है रद्द, कैंपस में नए नियमों का विरोध शुरू

The Fact India: नई दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हिंसा करने पर अब एडमिशन रद्द किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ने विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए नई गाइडलाइन बनाई है। इसके तहत यूनिवर्सिटी कैंपस में विरोध प्रदर्शन, धरना देने वाले छात्रों को 20 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। किसी भी तरह की हिंसा करने पर 30 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है या एडमिशन रद्द किया जा सकता है।

डॉक्यूमेंट के मुताबिक ये नियम 3 फरवरी से ही लागू कर दिए गए हैं। ये रेगुलर और पार्ट-टाइम दोनों छात्रों पर लागू होंगे। नए डॉक्यूमेंट में 17 अपराधों के लिए सजा बताई गई है। इनमें यूनिवर्सिटी में किसी जगह को ब्लॉक करना, जुआ खेलना, हॉस्टल के कमरों पर अवैध कब्जा करना, अभद्र और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना और धोखाधड़ी जैसे अपराध शामिल हैं।

नियमों के मुताबिक शिकायत की एक कॉपी आरोपी छात्र के माता-पिता के पास भी भेजी जाएगी। रूल्स ऑफ डिसिप्लिन एंड प्रॉपर कंडक्ट ऑफ स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू नाम की इस 10 पेज की किताब में प्रोटेस्ट, धोखाधड़ी जैसी हरकतों के लिए अलग-अलग तरह की सजा बताई गई है। साथ ही यूनिवर्सिटी में किसी तरह की इंक्वायरी और बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया भी समझाई गई है। दरअसल, बीबीसी की विवादित डॉक्‍यूमेंट्री की स्‍क्रीनिंग को लेकर यूनिवर्सिटी में लगातार कई प्रदर्शन हुए थे। इन्हें रोकने के लिए यूनिवर्सिटी ने ये कदम उठाया है।

इस रूल बुक में लिखा है कि सारे नियमों को यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी डिसीजन मेकिंग बॉडी एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने अप्रूव किया है। हालांकि इस काउंसिल के सदस्यों ने बताया कि इस मुद्दे को एजेंडा आइटम बताते हुए पेश किया गया था और कहा गया था कि यह दस्तावेज सिर्फ कोर्ट के काम के लिए तैयार किया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के  जेएनयू सेक्रेटरी विकास पटेल ने नए नियमों को तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने कहा कि पुराना कोड ऑफ कंडक्ट काफी था।

उन्होंने इन नियमों को क्रूर बताते हुए इन्हें वापस लिए जाने की मांग की है। बता दें कि तीन साल पहले जेएनयू में काफी बवाल हो गया था। 5 जनवरी 2020 की रात जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर 50 से ज्यादा नकाबपोश बदमाशों ने हमला किया था। उन्होंने डंडे और लोहे की रॉड से स्टूडेंट्स और टीचर्स को पीटा था। हमले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 35 लोग जख्मी हुए थे।

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