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सचिन पायलट के एक्शन से गर्माइ राजस्थान की सियासत ने अभी से चुनावी माहौल का रूप ले लिया है. पायलट के एक्टिव होते ही तमाम नेता सामने आने लगे हैं, और आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरु हो गया है. अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत के साथ मिलीभगत के आरोपों को लेकर सचिन पायलट पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि, कई लोग जानबूझ कर एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं कि, वो तो मिले हुए हैं. उनमें तो मिलीभगत है. उन्होंने कहा कि, जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे रोज-रोज अमर्यादित भाषा सुनने को मिलती हो, उनसे मिलीभगत कैसे संभव है. उन्होंने पूछा कि क्या कभी दूध और नींब रस आपस में मिल सकते हैं?
आपको बता दें कि, करीब एक हफ्ता पहले वसुंधरा ने दावा किया था कि, पायलट कभी सीएम नहीं बन पाएंगे. उन्होंने कहा था कि, हमें चिंता नहीं उनकी, उन्हें चिंता हमारी है. हमारी नाव के रक्षक सुदर्शन चक्रधारी हैं. इसके साथ ही कहा कि, जाको राखे साइयां, मार सके न कोय. बाल न बांका कर सके, जो जग बैरी होय. भगवान ने कहा भी है कि विकट परिस्थितियों में चट्टान की तरह डटे रहो. कई अपने पराए हो सकते हैं.
गौरतलब है कि सांठगांठ को लेकर वसुंधरा राजे का ये बयान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर पलटवार माना जा रहा है. दरअसल, सचिन पायलट ने बीजेपी के समय कथित भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार की निष्क्रियता के विरोध में उपवास किया था. पायलट ने इस उपवास का ऐलान करते हुए अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के बीच सांठगांठ का सवाल उठाया था. सचिन पायलट ने पिछले हफ्ते अपने दिनभर के उपवास का ऐलान करते हुए कहा था कि, कांग्रेस की सरकार को भ्रष्टाचार के इन मामलों में कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि, सरकार की निष्क्रियता से लोग ये मान लेंगे कि कोई मिलीभगत है. वसुंधरा राजे ने सचिन पायलट के इसी बयान पर पलटवार किया और नाम लिए बिना जमकर हमला बोला. उधर पायलट भी बिना नाम लिए अपनी सरकार को घेरने में व्यस्थ हैं और आने वाले चुनावों को लेकर अपने स्तर पर ही जनता से मिलना जुलना शुरू कर दिया है. लेकिन सबको इंतजार है कि कांग्रेस आलाकमान की तरफ से पायलट को लेकर क्या प्रतिक्रिया आती है.
