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अशोक गहलोत ने क्यों किया धरने का ऐलान? बोले- 'मैंने CM को लिखा था पत्र'
राजधानी जयपुर में गांधी वाटिका म्यूजियम के उद्घाटन को एक वर्ष हो चुका है, लेकिन यह अब तक आम जनता के लिए नहीं खोला गया है। इस मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है।
बता दे गहलोत ने 28 सितंबर को सेंट्रल पार्क स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम के बाहर सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक गांधीवादी तरीके से धरना देने की घोषणा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, करीब एक साल पूर्व उद्घाटन हो जाने के बाद भी भाजपा सरकार ने सेंट्रल पार्क, जयपुर स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम को आम जनता के लिए नहीं खोला है। करीब पचासी करोड़ रुपए लागत से यह विश्वस्तरीय म्यूजियम बना है। मैंने व्यक्तिगत तौर पर एवं पत्र लिखकर भी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल जी से आग्रह किया कि जनता के बीच गांधीजी के सत्य एवं अहिंसा के संदेश को पहुंचाने के लिए इस म्यूजियम को शुरू किया जाए। सरकार की इस हठधर्मिता के विरोध एवं गांधी वाटिका म्यूजियम को आम जनता के लिए शुरू करने हेतु मैं एवं तमाम गांधीवादी 28 सितंबर, शनिवार को सेंट्रल पार्क के गेट नंबर 5 पर स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम पर सुबह 11 बजे से 4 बजे तक धरना देंगे।
बता दे कि गांधी वाटिका म्यूजियम का निर्माण अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते किया गया था। म्यूजियम में गांधीजी के जीवन और विचारों को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न सेक्शन हैं, जिनमें अंग्रेजों के भारत आगमन से लेकर गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास तक के कालखंड को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही भारत में गांधीजी के आंदोलनों और उनके दर्शन का प्रदर्शन, विशेष पुस्तकालय, सेमिनार हॉल और सम्मेलन कक्ष उपस्थित है।
गहलोत का यह धरना न केवल म्यूजियम को आम जनता के लिए खोलने की मांग है, बल्कि यह भाजपा सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाता है। क्या यह धरना सरकार को जगाने में सफल होगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा। इस तरह की गतिविधियाँ समाज में जागरूकता फैलाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, और गहलोत का यह कदम निश्चित रूप से लोगों की नजरों में आया है।