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Nagour : नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर अपनी राजनीति में नए तेवर दिखाए हैं। हरियाणा चुनाव को लेकर उन्होंने बड़ा ऐलान किया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी राजनीतिक दल के बंधन में नहीं हैं, चाहे वह कांग्रेस हो या बीजेपी। बेनीवाल ने दो-टूक कहा है कि वे हरियाणा जाएंगे और वहां बीजेपी को हरवाने के लिए अपने किसान साथियों का प्रचार-प्रसार करेंगे।
बेनीवाल की यह बयां ऐसे समय में आया है जब राजस्थान में भी उपचुनावों की हलचल तेज हो रही है। बीजेपी को हराने का ऐलान, राजस्थान की राजनीति के समीकरणों पर भी असर डाल सकता है। बेनीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी अपनी पार्टी है और वे अपने निर्णय खुद लेते हैं। उनकी यह साफ गोई, खासकर बीजेपी के लिए चिंता का विषय हो सकती है, क्योंकि राजस्थान में उपचुनावों के लिए बीजेपी ने अभी तक अपनी रणनीति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं की है।
राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों के लिए आगामी उपचुनावों पर नजर डाले तो यह बयान चुनावी समीकरणों को और दिलचस्प बना देता है। बेनीवाल की पार्टी, आरएलपी, भले ही राज्य नागौर में ही एक बड़ी ताकत मानी जाती हो, लेकिन क्षेत्रीय स्तर पर उनका जनाधार और उनका खुलकर बीजेपी के खिलाफ जाने का निर्णय, राजस्थान के चुनावी परिदृश्य में भूचाल ला सकता है।
सवाल है की क्या हनुमान बेनीवाल की हरियाणा में सक्रियता राजस्थान के इन उपचुनावों पर भी असर डालेगी? क्या बीजेपी और कांग्रेस दोनों को इस कदम से रणनीतिक बदलाव करना होगा? ये सवाल अब हर राजनीतिक विश्लेषक के जेहन में हैं। बेनीवाल के इस आक्रामक रुख से यह साफ है कि आगामी चुनावी मौसम में वे बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं। राजस्थान के उपचुनावों पर इस बयान का कितना असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।