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BY ELECTION DOUSA : राजस्थान में पांच सीटों पर उप चुनाव होना है इस उपचुनाव को लिखकर राजस्थान में कांग्रेस बीजेपी ने अपनी कमर कस ली है । लेकिन राजस्थान में जिन पांच विधानसभा पर उपचुनाव होना है जिसमें सबसे हॉट सीट एक बार फिर से दौसा मानी जा रही है जहां साल 2024 के लोकसभा चुनाव में दौसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा ने भारतीय जनता पार्टी के कन्हैयालाल मीणा को भारी बहुमत से हार कर हर का रास्ता दिखा दिया इस सीट को जीतने के लिए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लिखकर भारतीय जनता पार्टी दिग्गजों ने लाव लश्कर के सतह प्रचार प्रसार किया और खुद डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने अपने इस्तीफे की बात थी दौसा से ही की थी ऐसे में भारतीय जनता पार्टी वहां से हार गई लेकिन अब साल 2024 के अंदर फिर से दोसा सीट पर उप चुनाव होना है ऐसे में एक नाम इस सीट को लेकर चर्चो में है वो नाम है नरेश मीणा का ?
राजस्थान की जिन पांच विधानसभा सीटों पर चुनाव होने है उनसे सबसे अहम सीट मानी जा रही दौसा। यह वहीं सीट है जहां पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के साथ टोंक से दो बार विधायक सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है।सचिन पायलट का दौसा विधानसभा सीट हो या लोकसभा सीट दोनों से ही पुराना रिश्ता और खासा लगाव है। इसे पायलट का गढ़ भी इसलिए कहा जाता है कि उनके दिवंगत पिता राजेश पायलट और मां रमा पायलट यहां से सांसद रह चुके है।विधानसभा चुनावों में जहां मुरारी लाल मीना को सचिन पायलट ने टिकट दिलवा कर चुनाव लड़वाया तो वहीं लोकसभा चुनावों में पायलट ने मुरारी के टिकट पर अपना विटो लगा कर टिकट दिलवा कर जीत में पूरा ताकत झौंकी। जिसमें मुरारी लाल मीना ने भाजपा के प्रत्याशी कन्हैया लाल मीना को करारी मात देकर जीत हासिल की।
अब मुरारी लाल मीना के सांसद निर्वाचित होने के बाद दौसा विधानसभा सीट पर विधायक का पद रिक्त हो चुका है। जिसके चलते यहां भी विधानसभा के उपचुनाव होने है। दौसा विधानसभा सीट पर नरेश मीना की क्यों हो रही चर्चा ? नरेश मीना यह वहीं युवा नेता है जिसने बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद जैन की जीत की राह में रोड़े खड़े कर हरा दिया। इतना ही नहीं विधानसभा चुनावों में जब दौसा से मुरारी लाल मीना का टिकट फाइनल हुआ तो एक धार्मिक कार्यक्रम में पहुंच भारी बवंडर भी खड़ा किया था। इतना ही लोकसभा चुनावों में भी मुरारी के विरोध में अपना निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था।लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा थी कि पायलट के एक फोन कॉल के बाद नरेश मीना ने अपना नामांकन पत्र वापस लिया और उपचुनावों का इंतजार किया। हालांकि वो लोकसभा चुनावों में दौसा में प्रचार प्रसार करने नहीं आए थे। नरेश मीना ने कोटा में प्रहलाद गुंजल के चुनावी प्रचार की कमान सम्भाली थी लेकिन वहां प्रहलाद गुंजल को जीत नहीं मिल पाई थी। अब माना जा रहा है कि नरेश मीना इन विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस के दावेदार हो सकते है। लेकिन कांग्रेस का एक दूसरा खेमा नहीं चाहता की नरेश मीना हाड़ौती की राजनीति छोड़ दौसा में अपनी सियासी जमीन हासिल करे। अब चर्चा यह है कि अगर नरेश मीना नहीं तो फिर ओर कौन ? सियासी जानकार मानते है कि अगर इन उपचुनावों में नरेश मीना को मौका नहीं मिला तो एक फिर से मीना समाज दो खेमों में बंट सकता है।
एक गुट में यूथ है जो नरेश मीना के समर्थक माने जाते है तो दूसरे गुट में वो कांग्रेसी नेता है जो सालों से लोकल राजनीति में सक्रिय है। राजस्थान की इन 5 सीटों पर होंगे उपचुनाव राजस्थान में हाल ही लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। इस दौरान पांच विधानसभा सीटों के विधायकों ने भी लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बने। अब इन पांच विधानसभाओं पर फिर से सीट खाली हो गई है। इसमें देवली उनियारा, झुंझुनूं, दौसा, खींवसर और चौरासी (बांसवाड़ा) हैं। लोकसभा चुनाव में देवली उनियारा विधानसभा से कांग्रेस के विधायक हरीश मीणा टोंक सांसद बन चुके हैं। इसी तरह झुंझुनू से कांग्रेस के बृजेंद्र ओला, दौसा के मुरारी लाल मीणा, खींवसर से RLP के हनुमान बेनीवाल और चौरासी विधानसभा सीट के विधायक राजकुमार रोत भी अब चुनाव जीत कर सांसद बन चुके हैं। ऐसी स्थिति में अब इन पांच विधानसभाओं पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होंगे।