The Fact India: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में दाखिल एक याचिका को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट (SC Comment) ने सरकार अलग राय रखने और असहमति वाली राय रखने वाले विचारों की अभिव्यक्ति को देशद्रोह नहीं कहा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ देशद्रोह कार्यवाही करने के आदेश जारी करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी
सुप्रीम कोर्ट (SC Comment) में रजत शर्मा नाम के एक शख्स ने याचिका दाखिल की थी. इस याचिका को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खिलाफ बयान देने पर फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ देशद्रोह की कार्यवाही करने के आदेश देने की मांग की गई थी.
इस याचिका में कहा गया था कि फारूक अब्दुल्ला ने देश विरोधी और देशद्रोही काम किया है. उनके खिलाफ ना केवल गृह मंत्रालय को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए बल्कि उनकी संसद सदस्यता भी रद्द की जाए. अगर उनको संसद सदस्य के तौर पर जारी रखा जाता है तो इसका अर्थ है कि भारत में देश-विरोधी गतिविधियों को स्वीकार किया जा रहा है और ये देश की एकता को नुकसान पहुंचाएगा.
सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, कहा सरकार से अलग राय रखना देशद्रोह नहीं
The Fact India: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में दाखिल एक याचिका को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट (SC Comment) ने सरकार अलग राय रखने और असहमति वाली राय रखने वाले विचारों की अभिव्यक्ति को देशद्रोह नहीं कहा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ देशद्रोह कार्यवाही करने के आदेश जारी करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी
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सुप्रीम कोर्ट (SC Comment) में रजत शर्मा नाम के एक शख्स ने याचिका दाखिल की थी. इस याचिका को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खिलाफ बयान देने पर फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ देशद्रोह की कार्यवाही करने के आदेश देने की मांग की गई थी.
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इस याचिका में कहा गया था कि फारूक अब्दुल्ला ने देश विरोधी और देशद्रोही काम किया है. उनके खिलाफ ना केवल गृह मंत्रालय को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए बल्कि उनकी संसद सदस्यता भी रद्द की जाए. अगर उनको संसद सदस्य के तौर पर जारी रखा जाता है तो इसका अर्थ है कि भारत में देश-विरोधी गतिविधियों को स्वीकार किया जा रहा है और ये देश की एकता को नुकसान पहुंचाएगा.