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लोकसभा चुनाव के बीच बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बड़ा फैसला लेते हुए अपनी पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को पद मुक्त कर दिया है। उन्हें ‘उत्तराधिकारी’ की ज़िम्मेदारी से भी हटा दिया गया है। इधर आकाश आनंद के अचानक से पदमुक्त होने से राजस्थान बसपा में भी खलबली मची हुई है। गौरतलब है कि आकाश आनंद का मायावती से पारिवारिक रिश्ता भी है। वे उनके भतीजे हैं।
बतौर नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद राजस्थान में भी सक्रीय रहे। प्रदेश की बसपा इकाई को मजबूती देने और कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए समय-समय उनके प्रदेश दौरे लगे। वे कई बार पार्टी की बैठकों, कार्यकर्ता सम्मेलनों और अन्य चुनावी व राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल हुए।
पिछले वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी आकाश आनंद ने राजस्थान में पार्टी की कमान संभाले रखी। उन्होंने ‘सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय’ संकल्प यात्रा निकाली थी। 15 दिन और 3 हज़ार किलोमीटर की इस यात्रा में विभिन्न ज़िलों का दौरा कर जनसंपर्क किया था। उनके भाषणों में कांग्रेस और भाजपा, दोनों पार्टियों की कार्यशैली और नीतियां निशाने पर रहे।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) हैंडल पर एक संदेश जारी करते हुए लिखा, ‘ आकाश आनन्द को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, किन्तु पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।’
आकाश आनंद भले ही राजस्तरीय कोर्डिनेटर के पद से मुक्त कर दिए गए हों, लेकिन उनके पिता आनंद कुमार की ज़िम्मेदारियां पार्टी ने यथावत रखी हैं। इस बात ज़िक्र करते हुए मायावती ने अपने संदेश में लिखा, ‘आनंद कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेेंगेे।’
मायावती ने लिखा, ‘ बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेंट है, जिसके लिए कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है। इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।’ बसपा सुप्रीमो ने लिखा, ‘बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।’