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लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान की बड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता नजर आ रहा है. यहां त्रिकोणीय संघर्ष में भाजपा और कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं. वजह है एक निर्दलीय प्रत्याशी. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में पीएम मोदी और बीजेपी के विचारों से प्रभावित 26 साल का युवा चुनावी समर में उतरना चाह रहा था. उसने बीजेपी ज्वॉइन की इस उम्मीद में कि चुनावी टिकट मिलेगा. टिकट बंट गए पर रविंद्र सिंह भाटी का नाम लिस्ट में नहीं आया. फिर इस युवक ने निर्दलीय लड़ने का फैसला किया.
विधानसभा में चुनाव में नामांकन रैली में दम दिखाने से लेकर चुनावी रैलियों में सबके होश फाख्ता करने वाले रविंद्र भाटी ने शिव विधानसभा सीट से चुनाव जीत लिया और राजस्थान विधानसभा में सबसे युवा विधायक के रूप में पहुंचे.
इस बार फिर भाटी बड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल के खिलाफ चुनावी समर में हैं. ध्यान देने वाली बात है कि रविंद्र भाटी की सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकातें हुई थीं. तब भाटी ने बीजेपी जाने के सवाल को लेकर सिरे से इनकार नहीं किया था और उनके विचारों से प्रभावित होने की बात कह एक रास्ता खुला रखा था. इस बार भी बात बनी नहीं और भाटी निर्दलीय समर में कूद गए.
लोकसभा सीट पर भाटी की सेना को रोकने के लिए बीजेपी का बड़ा लश्कर मोर्चा संभालने जा रहा है. भाटी के खिलाफ अब बीजेपी स्मृति ईरानी, बागेश्वर बाबा, योगी आदित्यनाथ और अमित शाह जैसे कई फायर ब्रांड नेताओं की रैलियां करवाने जा रही है, क्योंकि बीजेपी को कहीं ना कहीं ऐसा लगता है कि उसका एक बड़ा वोट बैंक रविन्द्र सिंह भाटी के साथ शिफ्ट कर सकता है, जिसे अगर वापस नहीं लाया गया तो बीजेपी के लिए बड़ा डेंट हो सकता है.
इस बार तो भाटी ने खुलकर प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को ही सीधी चुनौती दे दी है. अब दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल की नामांकन की रैली में भी उमड़ी भीड़ से बीजेपी बेहद परेशान है. सियासी जानकारों का मानना है कि भाटी लगातार बीजेपी के मूल वोट बैंक में सेंधमारी कर रहे हैं, लिहाजा, अब भाटी को रोकने के लिए बड़े-बड़े योद्धा मैदान में मोर्चा संभालने वाले हैं. अब देखना ये होगा कि भाटी और बेनीवाल को रोकने के लिए बीजेपी का ये सुपर प्लान कितना रंग लाता है.