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राजस्थान में बाड़मेर-जैसलमेर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी नामांकन रैली की भीड़ से कांग्रेस और बीजेपी की नींदे उदा दी थी लेकिन अब खुद भाटी की मुश्किलें बढ़ गई है। कांग्रेस ने उनके खिलाफ निर्वाचन विभाग में शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखित में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहां भाटी ने अपने नामांकन सभा में झूठ बोला था। पीसीसी चीफ डोटासरा के साथ मंच पर जो व्यक्ति बैठा था, उसे एसओजी ढूंढ रही है।
कांग्रेस ने भाटी के इस आरोप को गलत बताया है। सियासी जानकारों का कहना है कि भाटी ने नामांकन के दौरान शक्ति प्रदर्शन कर बीजेपी और कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। ऐसा लग रहा है कि मुख्य मुकाबला भाटी और कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल के बीच होगा। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के राजपूत वोट बैंक में भाटी ने सेंध लगा सकते है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती है।
बता दें बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट पर करीब 3 लाख राजपूत वोटर्स हार-जीत का फैसला करते रहे हैं। उम्मेदाराम बेनीवाल और कैलाश चौधरी जाट है। चौधरी के लिए टेंशन की बात यह है कि उनके पास सत्ता विरोधी लहर की काट नहीं है। तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में स्थानीय स्तर पर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, चौधरी समर्थकों का कहना है कि हवा कांग्रेस के खिलाफ है। मोदी की छवि का लाभ मिलेगा।
बता दें भाजपा के बागी रविन्द्र सिंह भाटी को मनाने के भाजाप की ओर से प्रयास चल रहे थे। ऐसा बताया जाता है कि बात बन गई थी। इस बीच सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो गया था, जिसमें यह बताया गया था कि भाजपा के शिव में प्रत्याशी रहे स्वरूप सिंह खारा की खुवाईश पर 20 हैडपंप स्वीकृत हुए हैं, जबकि निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी की खुवाईश पर महज 2 हैड पंप स्वीकृत हुए है। इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर दोनों के समर्थकों के बीच बहस शुरू हो गई। इस तरह भाजपा की ओर से रविन्द्र सिंह भाटी को मनाने को लेकर की गई बनी बनाई बात बिगड़ गई। अब भाटी ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वार्ता का दौरा खत्म हो गया है।