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राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गोविन्द राम मेघवाल संकट में फंस गए हैं. बीकानेर के एक शख्स ने उन पर नामांकन में आपराधिक प्रकरणों का ब्यौरा छिपाने का आरोप लगाया है. विजेन्द्र पाल सिंह ने इस विषय को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी नम्रता वृष्णि को शिकायत भेजी है. इस शिकायत में लिखा है.
'गोविन्द राम मेघवाल ने अपने ऊपर चल रहे आपराधिक प्रकरणों की जानकारी नॉमिनेशन फॉर्म में नहीं दी है.'उन्होंने कहा, 'लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 33 के तहत नामांकन करने वाले किसी आपराधिक प्रकरण में अभियुक्त होने का किसी कोर्ट द्वारा चार्ज फ्रेम किया गया हो, जिसमें 2 साल या उससे ज्यादा अवधि की सजा का प्रावधान हो, तो उसकी सूचना नामांकन पत्र में देना जरूरी होता है. इसका उल्लंघन करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 36 (2) के तहत निर्वाचन अधिकारी को ये अधिकार है कि वो नामांकन को रद्द कर दे.' . बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस उम्मीदवार ने अपने आपराधिक तथ्यों को नामांकन के दौरान छिपाया है, इसलिए उनका नामांकन रद्द होना चाहिए.
वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार गोविन्द राम मेघवाल ने इस विषय पर कहा कि, 'अगर उनके खिलाफ पूरे भारत में एक भी केस कोर्ट चल रहा हो तो वे राजनीति छोड़ने को तैयार हैं. गोविन्द राम मेघवाल बताते हैं कि भाजपा उम्मीदवार अर्जुन राम मेघवाल 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली बात कर रहे हैं. अर्जुन राम पर ही कोर्ट में भ्रष्टाचार के मुकदमें दर्ज हैं. उनके सरकारी सेवा में रहते हुए कई प्रकरण दर्ज हुए हैं और उनमें से एक तो सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इस बार अर्जुन राम मेघवाल को कड़ी टक्कर मिल रही है और वे अपनी हार के डर से बोखलाए हुए हैं, इसलिए इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. वक्त आने पर वे भी अर्जुन राम पर चल रहे प्रकरणों का खुलासा करेंगे, अब देखना होगा की गोविन्द राम मेघवाल का नामांकन रद्द होता है या नहीं|