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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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'आतंकवाद को परिभाषित किया, कोई भी कमी का नहीं उठा पाएगा फायदा'- अमित शाह

'आतंकवाद को परिभाषित किया, कोई भी कमी का नहीं उठा पाएगा फायदा'- अमित शाह
Manish Gaur
December 20, 2023

देश की आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े 150 साल पुराने कानूनों में बड़ा बदलाव व संशोधन क‍िया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अम‍ित शाह की ओर से पूर्व में पेश क‍िए गए इन व‍िधेयकों पर बुधवार (20 द‍िसंबर) को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में चर्चा का जवाब व‍िस्‍तार से द‍िया.  

गृह मंत्री शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने 3 कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है. उन तीनों कानूनों में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन करने के व‍िधेयक पेश क‍िए. 

भारतीय दंड संह‍िता (आईपीसी) कानून 1860 में बना था ज‍िसका उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना ही था. उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में अमल में आएगी.  

दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी. इसके अलावा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 (Indian Evidence Act 1872) की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा. 

'आतंकवाद की व्याख्या किसी कानून में नहीं थी' 

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने सदन में वक्‍तव्‍य देते हुए कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी लेक‍िन पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है. जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए. इसके साथ-साथ राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम किया जा रहा है. 

'अब राजद्रोह नहीं, देशद्रोह में तबदील होगा कानून' 

उन्‍होंने कहा कि राज से मतलब शासन से था, भारत नहीं था. राजकर्ता के ख‍िलाफ बोलने वाले पर पहले राजद्रोह कानून लगता था. हमने अब व्‍यक्‍त‍ि की जगह देश को रखा है. देश को नुकसान करने वाले को कभी नहीं बख्‍शा जाना चाह‍िए. राजद्रोह को देशद्रोह में पर‍िवर्तित करने का काम इतने सालों के बाद करेगा. 

'अगले 100 सालों के टेक्‍नीकल इनोवेशन को रखा गया ध्‍यान'  

आने वाले 100 सालों में ज‍ितने भी टेक्‍नीकल इनोवेशन होंगे, उन सभी के मद्देनजर इस कानून को तैयार क‍िया गया है. सभी प्रोविजन इस कानून के भीतर क‍िए गए हैं. सभी तकनीक को प्रयोग करके जल्‍द न्‍याय बने, इसके ल‍िए हम आगे बढ़े हैं. 

'सीआरपीसी में होंगी 531 धाराएं' 

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा क‍ि सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी. वहीं, 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं. इसके अलावा 39 नई उपधाराएं जोड़ा गया है. वहीं, 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं.