The Fact India: जिन पत्थरों को हमने दी थी धड़कने, उनको जुबान मिली थी.. तो हम पर ही बरस पड़े. कुछ इसी अंदाज में सूबे की दो बार मुखिया रही वसुंधरा राजे (Vasundhara-Raje) ने अपने ही विरोधियों को निशाने पर लिया. दरअसल मौका तो था जयपुर में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की पुस्तक धरती पुत्र के विमोचन का. लेकिन इस कार्यक्रम में राजे ने बोलना शुरू किया तो अपने ही सियासी विरोधियों को आड़े हाथ ले लिया. राजे ने सीधे संदेश दे दिया कि जिन लोगों को वह राजनीति में लेकर आई है. आज वो उनकी खिलाफत कर रहे हैं. उससे वो आहत होने वाली नहीं है.
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वसुंधरा राजे (Vasundhara-Raje) जैसे ही कार्यक्रम में बोलने के लिए उठी तो पूरा ऑडिटोरियम वसुंधरा राजे जिन्दाबाद के नारों से गूंज उठा. वसुंधरा ने कहा आज ऐसा लग रहा है कि भैरोंसिंह शेखावत खुद हम लोगों के बीच में एक परिवार के रूप में है. 33 जिलों के लोगों को एक सूत्र में पिरोने का काम जो उन्होंने इतने सालों से किया. ऐसा लगता है वो हम अपनों के बीच में ही है. आज हम सब उनकी यादों के अंदर बह गए हैं. उन्होंने सभी जिलों से इकट्ठा हुए लोगों को प्रणाम करते हुए कहा कि यह सब भैरोंसिंह जी का ही चमत्कार है. पुस्तक तो बहाना है, हम सबको इकट्ठा होकर उनकी याद करने का इससे बहाना मिल गया.
राजे ने कहा कोई दोराय नहीं है राजमाता साहब तो मुझे राजनीति में लेकर आई थी. लेकिन मैं इस जगह पर नहीं होती अगर भैरोंसिंह जी ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे यहां तक पहुंचाने का काम नहीं किया होता. मुझे ऐसा मौका कभी मिलता मैं नहीं समझती. मुझे राजस्थान की सीरियस राजनीति में कोई लेकर आया, तो वो भैरोंसिंह शेखावत थे. वो आज भी मेरे प्रेरणा स्त्रोत हैं और रहेंगे. मैं उनकी चलती फिरती राजनीति की पाठशाला की एक विद्यार्थी हूँ.

Anish Shekhar– Content Producer Cum Content Editor / Reporter
(Post Graduation- Haridev Joshi University of Journalism & Mass Communication)