
The Fact India : हिंदू धर्म में नाग पंचमी (Nag Panchami 2022) का विशेष महत्व है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की प्रतिमा का पूजन करना चाहिए। वहीं इस दिन महादेव की विधिवत पूजा करने वाले मनुष्य को कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस साल नाग पंचमी त्योहार 2 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष संयोग भी बन रहा है। नाग पंचमी के दीन तीसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। मंगलवार व्रत मां पार्वती को समर्पित है।
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सावन मास में नाग पंचमी (Nag Panchami 2022) त्योहार का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी के दिन किसी जीवित सांप नहीं बल्कि नाग देवता की प्रतिमा का पूजन करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर की विधिवत पूजा व रुद्राभिषेक करने वाले भक्त को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। जीवन में खुशहाली व सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
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नाग पंचमी शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी तिथि: 2 अगस्त 2022
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 05.43 बजे से 08.25 मिनट तक
अवधि: 02 घंटे 42 मिनट
पंचमी तिथि आरंभ: 2 अगस्त को सुबह 05.13 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त: 3 अगस्त को सुबह 05.41 बजे तक
नाग पंचमी महत्व
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि नाग पंचमी के दिन अनंत, वासुकि, शेष, पद्म, कंबल, अश्वतर, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक, कालिया और पिंगल इन 12 देव नागों का स्मरण करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भय तत्काल खत्म होता है। ‘ऊं कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा’ मंत्र का जाप लाभदायक माना जाता है। कहते हैं कि नाम स्मरण करने से धन लाभ होता है। साल के बारह महीनों, इनमें से एक-एक नाग की पूजा करनी चाहिए। अगर राहु और केतु आपकी कुंडली में अपनी नीच राशियों- वृश्चिक, वृष, धनु और मिथुन में हैं तो आपको अवश्य ही नाग पंचमी की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि दत्तात्रेय जी के 24 गुरु थे, जिनमें एक नाग देवता भी थे।
नाग पंचमी पर शुभ योग
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि नाग पंचमी पर शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। शिव योग शाम 06.38 मिनट कर रहेगा। उसके बाद सिद्धि योग शुरू होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दोनों ही योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है।
नाग पंचमी इन मंत्रों का करें जाप
- ऊँ गिरी नमः
- ऊँ भूधर नमः
- ऊँ व्याल नमः
- ऊँ काकोदर नमः
- ऊँ सारंग नमः
- ऊँ भुजंग नमः
- ऊँ महिधर नमः
नाग पंचमी के दिन इन नागों की पूजा की जाती है
- अनन्त
- वासुकि
- शेष
- पद्म
- कम्बल
- कर्कोटक
- अश्वतर
- धृतराष्ट्र
- शड्खपाल
- कालिया
- तक्षक
- पिड्गल