
The Fact India : इस महीने वृश्चिक राशि में पहले बुध, फिर शुक्र और उसके बाद सूर्य ने प्रवेश किया है। मौजूदा स्थिति में ये तीनों ग्रह एक साथ मंगल की राशि और शनि के अनुराधा नक्षत्र (Anuradha Nakshatra) में है। इनके सामने यानी वृष राशि में मंगल है। जो कि अपने ही नक्षत्र मृगशिरा में है। इस तरह इन चार ग्रहों का संयोग बन रहा है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वृश्चिक राशि में बुध के साथ शुक्र और सूर्य की युति बन रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र और सूर्य दोनों ही प्रभावशाली ग्रह हैं लेकिन एक राशि में इन दोनों का आना अच्छा नहीं माना जाता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूर्य के नजदीक अंशों में कोई भी ग्रह आता है तो वह अस्त होकर अपना शुभ फल खो देता है। ऐसा ही वृश्चिक राशि में देखने को मिल रहा है। वृश्चिक राशि में सूर्य के साथ शुक्र के आने से उसका शुभ फल खत्म हो जाएगा। इसका प्रभाव देश-दुनिया समेत आपके जीवन पर भी देखने को मिलेगा।
सूर्य व शुक्र की युति से बना युति योग
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वृश्चिक राशि में शुक्र का प्रवेश 11 नवंबर को हुआ था, इसके बाद 13 नवंबर को इसी राशि में बुध का आगमन हुआ और फिर 16 नवंबर को सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर हुआ। सूर्य और शुक्र की जब इस तरह युति बनती है, तब उसे ‘युति योग’ कहा जाता है। इस योग के बनने से सबसे ज्यादा प्रभाव आपके वैवाहिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन पर पड़ता है। इसके साथ ही शुक्र ग्रह से संबंधित रोगों का सामना करना पड़ सकता है।
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सूर्य शुक्र युति योग का अशुभ प्रभाव
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य और शुक्र ग्रह जब साथ होते हैं तो शुभ फल नहीं दे पाते हैं। इसके प्रभाव से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस युति से जातक को दांपत्य जीवन में कई तरह की परेशानियां होती हैं और अपने आसपास के सभी रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। साथ ही व्यक्ति की आपसी समझ भी कम हो जाती है, जिससे उसके निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। युति योग से व्यक्ति के अंदर अहंकार की भावना भी बढ़ने लगती है, जिससे जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। इस दौरान व्यक्तियों को कहीं भी निवेश ना करने की सलाह दी जाती है।
बढ़ सकती है अचानक ठंड
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शनि के नक्षत्र में इन ग्रहों के होने से देश में कई जगहों पर अचानक ठंड बढ़ सकती है। जिससे कुछ नुकसान होने की आशंका भी है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने से हवा में ठंडक बढ़ेगी। लौहे से बनी चीजों में तेजी आ सकती है। मंगल के साथ दृष्टि संबंध बनने से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ने की आशंका है। जिससे कुछ देशों में अशांति का माहौल बन सकता है।
आपदाओं की आशंका
कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि मंगल के अपने ही नक्षत्र में होने से सेना नायक, रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए उन्नति वाला समय हो सकता है। लेकिन प्राकृतिक प्रकोप और कुछ बीमारियां भी बढ़ सकती हैं। संक्रमण बढ़ने के भी आशंका रहेगी। लाल वस्तुओं के भाव बढ़ेंगे। मौजूदा ग्रहों की स्थितियां मौसम में भी उतार-चढ़ाव लाएंगी। लोगों को अपने काम पूरे करने के लिए भागदौड़ ज्यादा करनी पड़ सकती है। राजनीतिक विवाद बढ़ सकते हैं। आरोप-प्रत्यारोप भी होंगे।
होगी तरक्की
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य और बुध के एक राशि में होने से बुधादित्य योग बन रहा है। इन दो ग्रहों के प्रभाव से बड़ी प्रशासनिक योजनाएं बनेंगी। उन पर काम होगा और फायदा भी मिलेगा। शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के लिए अच्छा समय हो सकता है। कई राशियों को इस शुभ योग का फायदा मिलेगा। जिससे जॉब और बिजनेस में तरक्की के योग बनेंगे। नई योजनाओं पर काम शुरू होगा और धन लाभ होने के भी योग बनेंगे।
राशियों पर असर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस ग्रह स्थिति का शुभ असर कर्क, मकर और कुंभ राशियों पर पड़ेगा। इन तीन राशियों के लिए समय अच्छा रहेगा। नौकरीपेशा लोगों को तरक्की मिलने के योग हैं। बिजनेस में फायदा होगा। धन लाभ के योग बनेंगे। रुके हुए जरूरी काम पूरे होंगे। सेहत में भी सुधार होने की संभावना है। मेष, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, और मीन राशि वालों के लिए समय सामान्य रहेगा। इन राशियों पर सितारों का मिला-जुला असर रहेगा।