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पायलट के आरोपों पर गहलोत ने दिया जवाब, बोले- सचिन डेढ़ साल सरकार में थे, तब मुद्दा क्यों नहीं उठाए, आलाकमान को भेजा जवाब
- April 18, 2023 Author : Santosh Pandey
The Fact India: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के आरोपों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलकर बोला है। सीएम गहलोत ने सचिन पायलट पर सवाल उठाते हुए कहा कि डेढ़ साल सरकार में थे, तब क्यों नहीं वसुंधरा राज के भ्रष्टाचार पर प्रहार किए। इस मामले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के जरिए आलाकमान को जवाब भेजा है और पायलट पर गुमराह करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 11 अप्रैल को अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था। इस दौरान पायलट का कहना था कि पिछली वसुंधरा सरकार के समय हुए 45 हजार करोड़ के खान घोटाले सहित अन्य भ्रष्टाचार की जांच सीएम गहलोत ने नहीं कराई। इस पूरे मामले में गहलोत अब तक चुप्पी साध रखी थी।
पायलट के आरोपों का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि पायलट अनशन पर क्यों बैठे, यह मेरी समझ से परे है। जिन मुद्दों की वे बात कर रहे हैं, उन सभी पर सरकार कार्रवाई कर चुकी है। या तो पायलट को जानकारी नहीं है या फिर वो जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। डेढ़ साल तक सरकार में रहते हुए कभी पायलट ने ये मुद्दे नहीं उठाए। साढ़े चार साल तक इन आरोपों पर चुप रहे।
गहलोत ने कहा कि खनन आवंटन तो कांग्रेस के दबाव में भाजपा सरकार के दौरान ही रद्द कर दिए थे। तब कई लीजधारक हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए। गहलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि कोर्ट ने 20 फरवरी 2020 को आदेश दिए कि तीन वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर समीक्षा की जाए। इस समिति ने भी आवंटन निरस्त करने की अनुशंसा की। लोकायुक्त जांच और सिफारिश के बाद 55 अफसर-कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर 91 कार्रवाई की गईं।
गहलोत ने कहा कि 2009 में पूर्ववर्ती सरकार के कामों की जांच के लिए माथुर आयोग बनाया। हाई कोर्ट ने इसे भंग कर दिया। केस लोकायुक्त को भेजे। 2013 से 2018 के कार्यकाल के आखिरी 6 माह में लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए मंत्रियों की उपसमिति बनाई, जिसकी समीक्षा के बाद कई फैसले निरस्त किए।
- Post By Santosh