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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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आरबीआई ने नहीं बढ़ाए रेपो रेट, इस साल 4 प्रतिशत रह सकती है महंगाई; रियल जीडीपी 6.5 का अनुमान, लोन-ईएमआई पर नहीं पड़ेगा कोई असर

आरबीआई ने नहीं बढ़ाए रेपो रेट, इस साल 4 प्रतिशत रह सकती है महंगाई; रियल जीडीपी 6.5 का अनुमान, लोन-ईएमआई पर नहीं पड़ेगा कोई असर
Santosh Pandey
June 8, 2023

The Fact India: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी। शक्तिकांत ने बताया कि वित्‍त वर्ष 2023-24 में महंगाई 4 फीसदी के ऊपर रहने की संभावना है। वित्‍त वर्ष 2023-24 में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत का अनुमान है। पहले क्‍वार्टर में 8, दूसरे क्वार्टर में 6.5, तीसरे क्‍वार्टर में 6 और चौथे क्‍वार्टर में 5.7 फीसदी जीडीपी की संभावना है। उन्‍होंने बताया कि रेपो रेट में कोई इजाफा नहीं किया गया है। ब्याज दर 6.50 फीसदी बरकरार रहेगी। इसका अर्थ यह हुआ‍ कि लोन महंगे नहीं होंगे। साथ ही लोगों की ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी। लगातार दूसरी बार आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।

 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी को लेकर कहा कि भारत की वित्त वर्ष 2023 में रियल जीडीपी 7.2 फीसदी देखने को मिली जो पहले के 7 फीसदी के अनुमान से ज्यादा मजबूत है। सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, 2023-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी देखने को मिल सकती है। शक्तिकांत दास ने महंगाई पर एकटक नजर बनाए रखने की बात की। उन्होंने कहा कि महंगाई अभी भी 4 फीसदी के टारगेट से ऊपर बनी हुई है। उन्होंने ये भी कहा कि यात्रा का अंतिम चरण हमेशा सबसे कठिन होता है।

 

मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग हर दो महीने में होती है। आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक 6 बार में दरों में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अप्रैल में रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया था। उससे पहले फरवरी में दरों को 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया था। आरबीआई के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है।

 

जब महंगाई बढ़ने लगती है तो रेपो रेट बढ़ाकर आरबीआई इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को आरबीआई से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

 

इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में आरबीआई रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। इस उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में आरबीआई ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।

आरबीआई ने नहीं बढ़ाए रेपो रेट, इस साल 4 प्रतिशत रह सकती है महंगाई; रियल जीडीपी 6.5 का अनुमान, लोन-ईएमआई पर नहीं पड़ेगा कोई असर