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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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कांग्रेस के नेता ने बढ़ाई मुश्किलें, मनाने की कवायद तेज

कांग्रेस के नेता ने बढ़ाई मुश्किलें, मनाने की कवायद तेज
Pooja Parmar
April 23, 2024

बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से इस बार जातिगत समीकरणों और भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह भाटी के चलते भाजपा के वोट बैंक में दो फाड़ के चलते कांग्रेस मजबूत मानी जा रही थी. लेकिन कांग्रेस के एक दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री और विधायक की नाराजगी कांग्रेस की बनी बनाई बात पर भारी पड़ती हुई नजर आ रही है. इसी आशंका को लेकर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रत्याशी से लेकर हर बड़ा नेता इस नाराज नेता को मनाने में लगा हुआ है.

आपको बता दें कि बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर 10 बार चुनाव लड़े और पांच बार विधायक एवं कैबिनेट मंत्री रहे अमीन खान कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष और शिव से पार्टी से बगावत कर विधानसभा का चुनाव लड़े फतेह खान की कांग्रेस में वापसी का विरोध कर रहे थे. लेकिन कांग्रेस ने उनके विरोध को नजरअंदाज कर कुछ समय पहले उनका निष्कासन रद्द कर पार्टी में वापस शामिल कर लिया. 

इसके बाद से पूर्व विधायक अमीन खान बयान दे रहे थे. और शिव में लोकसभा चुनाव को लेकर बुलाए गए कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में फतेह खान के शामिल नहीं होने और रामसर में अलग कार्यकर्ता सम्मेलन रखे जाने से नाराज अमीन खान ने खुले मंच से फतेह खान को हरीश चौधरी और जाट समाज का प्रायोजित नेता बताते हुए फतेह खान को फता राम की उपाधि दी थी. जिसके बाद पूर्व विधायक अमीन खान हज यात्रा पर चले गए उनके जाने के बाद कांग्रेस के दिग्गजनेताओं पूर्व विधायक अमीन खान हज यात्रा पर चले गए. उनके जाने के बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उनके बेटे के साथ सलाह की कोशिश की और संदेश भी देने की कोशिश की गई कि अमीन खान और फतेह खान के बीच उभरी दरार को भर दिया गया है और अमीन खान के हज की धार्मिक यात्रा से लौट के बाद वह कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करते हुए नजर आएंगे. 

जैसे ही अमीन खान बाड़मेर लौटे तो उनके तेवर बदले हुए नजर आए उन्होंने अपने समर्थकों को दो टूक में कह दिया कि यदि कांग्रेस फतेह खान को रखना चाहती है तो वह पार्टी के साथ नहीं रह सकते. उनके लौटने के बाद उनके समर्थक भी बदले हुए नजर आ रहे हैं. सोमवार सुबह अमीन खान से मिलने पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदा राम बेनीवाल और अमीन खान एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें अमीन खान साफ-साफ शब्दों में कांग्रेस प्रत्याशी को कह रहे हैं कि अब कुछ नहीं हो सकता महज दो दिन बचे हैं. चुनाव में लोगों ने अपने वोट दे दिए हैं उनके अलावा उनके एक बड़े समर्थक माने जाने वाले नेता की शिव विधानसभा क्षेत्र में गगरिया में आयोजित हुई रविंद्र सिंह भाटी की जनसभा में दिए गए. भाषण का वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वह साफ-साफ कह रहे हैं कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपने निजी फायदे के लिए अल्पसंख्यक समुदाय में फूट डाल दी है. ऐसे में इस बार अल्पसंख्यक समुदाय के लोग कांग्रेस को वोट नहीं देंगे. अमीन खान और उनके समर्थको के बदले बदले अंदाज को देखकर लगता है कि वें लोग निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी के समर्थन में जाने की चर्चाएं तेज है. इसी को लेकर सोमवार सुबह से ही हरीश चौधरी हेमाराम चौधरी जिला अध्यक्ष गफूर अहमद से लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल तक अमीन खान से मिलने उनके घर पहुंचे लेकिन सूत्रों के अनुसार अमीन खान को मनाने की कोशिशें में सफल नहीं हो पाए हैं.

कौन है अमीन खान 

अमीन खान बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से 1980 से लगातार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं उनका एक बार हार और एक बार जीत का रिकॉर्ड है 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताते हुए लगातार 10वीं बार मैदान में उतारा था. लेकिन शिव विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे कांग्रेस जिला अध्यक्ष फतेह खान ने टिकट कटने के बाद पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय ताल ठोक और रविंद्र सिंह भाटी से महज 3700 वोटो से चुनाव हार गए जिसके चलते अमीन खान को 53000 वोट मिले थे और उन्हें तीसरे नंबर पर रहना पड़ा था इसके बाद से अमीन खान फतेह खान के खिलाफ बयान बाजी कर रहे थे. उनकी पार्टी में वापसी का विरोध कर रहे थे अमीन खान 2008 में गहलोत सरकार में अल्पसंख्यक एवं पंचायती राज के मंत्री बनाएं गए थे. उनका बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय का बड़ा प्रभाव माना जाता है उनकी नाराजगी का सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को ही होता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि कांग्रेस इस बार अल्पसंख्यक अनुसूचित जाति और जाट समाज के वोट बैंक के भरोसे यहां से जीत की उम्मीद लगाएं बैठी है.

कांग्रेस के नेता ने बढ़ाई मुश्किलें, मनाने की कवायद तेज