Dark Mode

Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

View Results
अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

View Results
सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

View Results
समुदाय विशेष को टारगेट करना
38%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
13%
फिल्मों को हिट करने के लिए
38%
कुछ बता नहीं सकते
13%
Total count : 8

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!

वर्ल्ड स्लीप डे: नींद की कमी से महिलाओं में बढ़ रहा डिप्रेशन और मोटापा

सबसे सुखी इंसान वो माना जाता है, जो चैन की नींद सोता है। नींद सुकून देने के साथ सेहत भी दुरुस्त रखती है। आज ‘वर्ल्ड स्लीप डे’ है, इस साल की थीम है, ‘सोना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है।’ वर्ल्ड स्लीप डे की शुरुआत 2008 से हुई। 70 देशों में इस मौके पर दफ्तरों में छुट्‌टी मनाई जाती है और लोगों को प्रेरित किया जाता है कि वो इस दिन अच्छी और चैन की नींद लें। घर में सबसे जल्दी उठने वाला और सबसे आखिर में बिस्तर पर जाने वाला व्यक्ति स्त्री होती है। आज उसी महिला की अच्छी नींद और उससे जुड़ी सेहत की बात करते हैं।

कम नींद की शिकार महिलाओं में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा

साइकेट्रिस्ट डॉ. सोनल आनंद कहती हैं कि कामकाजी महिलाओं की जिम्मेदारी बढ़ गई है, जिसकी वजह से उन्हें पूरी नींद नहीं मिल पाती। सुबह उन्हें घर में सबसे पहले उठना होता है। रात में भी सबके काम निपटाकर ही महिलाएं सो पाती हैं। इससे उनकी नींद पूरी नहीं होती और उन्हें मोटापा, फोकस की कमी, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, हार्ट डिजीज जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। स्टोरी में आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर राय देते चलिए-

FOMO का डर बढ़ा रहा स्क्रीन टाइम और कम हो रही नींद

महिलाओं के टीवी और मोबाइल देखने का टाइम भी बढ़ गया है। इसकी वजह से नींद उनकी प्रभावित होती है। लंबे समय तक टीवी, मोबाइल, लैपटॉप के सामने रहने से आंखों के साथ-साथ मेंटल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचता है। महिलाएं अपनी नींद में कटौती कर सोशल नेटवर्क साइट पर रहती हैं। महिलाओं में फियर ऑफ मिसिंग आउट (FOMO) की टेंडेंसी भी देखी जाती है यानी उनको इस बात का डर होता है कि उनकी नजर से कोई जानकारी चूक न जाए। इस वजह से उनकी नींद में कटौती हुई है।

नींद की कमी की वजह से मोटापा, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हार्ट की बीमारियां बढ़ी हैं। नींद से शरीर को एनर्जी मिलती है, जो एक तरह की हीलिंग प्रॉसेस है। इसकी कमी से काम की स्पीड कम होती है, काम में मन कम लगता है, फोकस की कमी होती है, तनाव और डिप्रेशन जैसी तकलीफें शुरू हो जाती हैं।

नींद की कमी से आत्महत्या के ख्याल तक आना संभव

डॉ. सोनल आनंद ने अपनी एक केस स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि 35 साल की रीना (बदला हुआ नाम) में नींद की कमी से सुसाइड करने की इच्छा पनपने लगी थी।रीना वर्किंग वुमन थी, घर का काम रहता और अपडेटेड रहने के लिए वो सोने से पहले सोशल मीडिया पर भी रहती थीं। लंबे समय तक इसी रूटीन के चलते वो ‘बर्न आउट सिंड्रोम’ का शिकार हो गईं। उनके अंदर चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ा। रीना से जब स्थिति नहीं संभली तो वो डॉ. सोनल से मिलीं। दो-तीन महीने के ट्रीटमेंट के बाद रीना बिल्कुल ठीक हो गईं।

नींद की कमी से मोटी हो रही हैं महिलाएं

महिलाओं में पुरुषों की तुलना में फैट जल्दी नजर आता है। इसकी एक वजह है नींद की कमी। महिलाओं को घर-बाहर की दोनों जगहों की जिम्मेदारी निभानी होती है, जिसके लिए ज्यादा समय और एनर्जी की जरूरत होती है। नींद में कटौती करने से शरीर का फैट ज्यादा तेजी से बढ़ता है, जिसके कारण वो पुरुषों की तुलना में जल्दी और ज्यादा फैटी हो जाती हैं। नींद की कमी होने पर इम्यूनिटी पर असर पड़ता है और कोई भी दवा और वैक्सीन अपना पूरा असर नहीं दिखाती। क्योंकि बीमारियों से लड़ने वाली एंटीबॉडीज बॉडी में कम बनती हैं।

 

वर्ल्ड स्लीप डे: नींद की कमी से महिलाओं में बढ़ रहा डिप्रेशन और मोटापा