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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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राजस्थान में गणगौर का है खास महत्व, धूमधाम से निकाली गई सवारी

राजस्थान में गणगौर का है खास महत्व, धूमधाम से निकाली गई सवारी
Pooja Parmar
April 12, 2024

राजस्थान का नाम जब भी जहन में आता है तो यहां के शौर्य और बलिदान की कहानी याद आना स्वाभाविक है. लेकिन यहां पर पारंपरिक त्योहार भी अपने आप में खास महत्व रखते हैं. गुरुवार को गणगौर का त्यौहार पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस त्यौहार में महिलाएं सुहागन का जोड़ा पहनकर पूजा अर्चना करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इसको लेकर एनडीटीवी की टीम शाहपुरा पहुंची जहां पर पिछले कई वर्षों से गणगौर की शाही सवारी पूरे कस्बे में निकल जाती है.

हर आयु वर्ग की महिलाएं करती हैं पूजा

हर साल की तरह गुरुवार को भी गणगौर का त्यौहार पूरे हर्षों उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. राजस्थान की महिलाएं चाहे दुनिया के किसी भी कोने में हों, विवाहिता या कुंवारी सभी आयु वर्ग की महिलाएं गणगौर की पूजा करती है. होली दहन की राख लाकर उसके आठ पिण्ड गोबर से बनाती हैं. उन्हें दूब पर रखकर प्रतिदिन पूजा करती हुई दीवार पर एक काजल और एक रोली की टीका लगाती हैं. शीतलाष्टमी तक इन पिण्डों को पूजा जाता है. फिर मिट्टी से ईसर गणगौर की मूर्तियां बनाकर उन्हें पूजती हैं. 

लड़कियां सुबह ब्रह्ममुहुर्त में गणगौर पूजते हुए गीत गाती हैं. 'गौर ये गणगोर माता खोल किवाड़ी, छोरी खड़ी है तन पूजण वाली.' जिस लड़की की शादी हो जाती है वो शादी के पहले साल अपने पीहर जाकर नव वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि की कामना के लिए गणगौर की पूजा करती हैं. 

नए कपड़े और पकवान के साथ पूजन

ढूंढाड़ की भांति ही मेवाड़, हाड़ौती, शेखावाटी सहित इस मरुधर प्रदेश के विशाल नगरों में ही नहीं बल्कि गांव-गांव में गणगौर का ये पर्व पूरे हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है. शाहपुरा हवेली में भी इस त्यौहार की तैयारियां सुबह से ही शुरू हो जाती हैं. जिसमें ईशर और गणगौर की प्रतिमाओं को सजाया जाता है.

राजस्थान के जयपुर के शाहपुरा में दो साल के कोरोना ब्रेक के बाद शहर में शाही लवाजमे और बड़े धूमधाम के साथ गणगौर की सवारी निकाली गई. राजपरिवार की ओर से आयोजित गणगौर की शाही सवारी में परंपरा और लोकनृत्यों का अनूठा संगम देखने को मिला.

राजस्थान में गणगौर का है खास महत्व, धूमधाम से निकाली गई सवारी