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राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक मंच पर आए है। पूरी कांग्रेस एकजुट दिखाई दी। दरअसल,कल बीते दिन कांग्रेस के प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा के पक्ष में आयोजित नामांकन सभा में कांग्रेस की एकजुटता नजर आई। विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार एक ही मंच पर प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष टीमाराम जूली एक साथ नजर आए। सभी ने कहा कि हम सबने मिलकर करण सिंह को मैदान में उतारा है।
सियासी जानकारों का कहना है कि पायलट ने यह संदेश दिया है कि शेखावत पहले भी उनके सियासी विरोधी थे और आज भी है। जबकि गहलोत के अपने गृह जिले में पायलट के साथ मंच पर आना जरूरी था। ऐसा नहीं होने पर बीजेपी इससे मुद्दा बना सकती थी। सियासी जानकारों का कहना है कि करण सिंह पायलट कैंप के माने जाते है। लेकिन गहलोत ने भी उनके पक्ष में जमकर प्रचार कर रहे है। इस बार शेखावत कांटे के मुकाबले में फंसे हुए है। सियासी जानकारों का कहना है कि गहलोत और पायलट समझ गए है कि एकजुट रहने में फायदा है।
'जनसभा में प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यहां तक कह दिया कि भाषण में तो फटकारे मैं देता हूं, लेकिन इस बार करण सिंह ने मुझे पीछे छोड़ दिया।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आज जो उत्साह यहां नजर आ रहा है, ऐसा ही उत्साह था जब उन्होंने पहला चुनाव लोकसभा का लड़ा था। आज वही दृश्य देखने को मिल रहा है। गहलोत ने कहा कि हम सबने मिलकर एक मजबूत उम्मीदवार आपको दिया है। इन्होंने जो भी कहा है दिल से कहा है. ऐसे आदमी का साथ देकर जीताना है।